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Search Result : "राजीव खेर"

भारत-पाक शृंखला पर फैसला अब भी सरकार पर निर्भर: ठाकुर

भारत-पाक शृंखला पर फैसला अब भी सरकार पर निर्भर: ठाकुर

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) सचिव अनुराग ठाकुर ने आज स्वीकार किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय शृंखला को लेकर समय निकलता जा रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि बोर्ड को कोई भी फैसला करने से पूर्व सरकार की स्वीकृति का इंतजार है।
अपने बयानों पर संसद में सबूत दें राहुल : सरकार

अपने बयानों पर संसद में सबूत दें राहुल : सरकार

नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर राहुल गांधी के प्रधानमंत्री कार्यालय पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए सरकार ने आज उन्हें चुनौती दी कि संसद की कार्यवाही को ठप करने के बजाए वह संसद में इस बारे में सुबूत पेश करें।
हिंदुस्तान के हम विवेकी पुरुष

हिंदुस्तान के हम विवेकी पुरुष

अभिनेता टॉम ऑल्टर ने किसी दिन कहा, भारत हमेशा से असहिष्णु देश रहा है। क्या हमने आजादी के सिर्फ 5 महीने के अंदर महात्मा की हत्या नहीं कर दी? क्या सरकारों ने पुस्तकों, नाटकों, फिल्मों और प्रदर्शनियों को प्रतिबंधित नहीं किया?
मंत्री ने ‘कुत्ता’ किसे बोला, विरोध में धरने पर विपक्ष

मंत्री ने ‘कुत्ता’ किसे बोला, विरोध में धरने पर विपक्ष

एक घटना के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह की कुत्ते संबंधी उपमा का उपयोग किए जाने को लेकर उन्हें मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग करते हुए कांग्र्रेस सांसदों ने राहुल गांधी के नेतृत्व में सोमवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया। उधर, वी के सिंह का बचाव करते हुए सरकार ने विपक्ष की ओर से उन पर दलित विरोधी टिप्पणी करने के संबंध में लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रही है।
रुश्दी की किताब पर प्रतिबंध राजीव सरकार की गलती: चिदंबरम

रुश्दी की किताब पर प्रतिबंध राजीव सरकार की गलती: चिदंबरम

देश में बढ़ती असहिष्णुता पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने वाली कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि सलमान रूश्दी की किताब 'द सेटेनिक वर्सेस' पर राजीव गांधी सरकार की तरफ से प्रतिबंध लगाया जाना एक गलती थी।
मोदी न सही, रूडी और नायडू देखेंगे नीतीश का शपथग्रहण

मोदी न सही, रूडी और नायडू देखेंगे नीतीश का शपथग्रहण

बिहार के मुख्यमंत्री पद पर लगातार तीसरी बार नीतीश कुमार की ताजपोशी के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं जहां देश के महत्वपूर्ण नेताओं और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में जद(यू) नेता पांचवीं बार प्रदेश की कमान संभालेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसमें शामिल होने का न्योता मिला था लेकिन किसी कारणवश उनकी जगह भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी और केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू इसमें हिस्सा लेंगे।
‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों और साहित्यकारों के खिलाफ फिल्म अभिनेता और भाजपा समर्थक अनुपम खेर आज राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग ‪#‎MarchForIndia टॉप ट्रेंड कर रहा है। खेर का कहना है कि पुरस्कार लौटाने वालों ने न केवल सरकार का बल्कि दर्शकों और ज्यूरी का भी अपमान किया है। खेर के साथ फिल्म जगत की कई और हस्तियां और साहित्यकार भी मार्च में हिस्सा लेंगे। सोशल मीडिया पर अनुपम खेर समेत इन फिल्मकारों और साहित्यकारों के बारे में कुछ ऐसा लिखा गया-
मार्च फॉर इंडिया: इस विरोध के मायने क्या हैं

मार्च फॉर इंडिया: इस विरोध के मायने क्या हैं

इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक एक हुजूम नारे लगाता चल रहा है। इसे सोशल मीडिया ने कलबुर्गी-पानसरे की हत्या के पक्ष में भी देखा। लेकिन वहां ‘राष्ट्रवादियों’ ‘संघियों’ और ‘भक्तों’ के अलावा भी कई लोग भारत के लिए आए थे।
'ऑपरेशन अक्षरधाम’: भारतीय राज्य के विश्वासघात की कहानी

'ऑपरेशन अक्षरधाम’: भारतीय राज्य के विश्वासघात की कहानी

ऑपरेशन अक्षरधाम किताब अक्षरधाम मंदिर पर हमले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नए सिरे से जांच-पड़ताल करने की जरूरत को रेखांकित करती है। इस घटना मे असली अपराधी फिलहाल लापता हैं, हालांकि उनके बारे में संकेत मौजूद हैं। गहरी जांच-पड़ताल व गंभीर राजनीतिक विश्लेषण के साथ, और जोखिम उठाकर, लिखी गयी 'ऑपरेशन अक्षरधाम’ बहुत जरूरी, प्रासंगिक व महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।
डिजिटल नामसझी ने कराई भाजपा नेताओं की किरकिरी

डिजिटल नामसझी ने कराई भाजपा नेताओं की किरकिरी

यह सही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ही भारत में छोटे-बड़े तमाम नेताओं ने सोशल मीडिया और इंटरनेट की ताकत का लोहा माना है। लेकिन ऐसा लगता है कि खुद भाजपा के नेताओं को अभी डिजिटल दुनिया के बारे में काफी कुछ सीखने की जरूरत है। बिहार चुनाव में भाजपा नेताओं की डिजिटल नासमझी के चलते नीतीश कुमार के खिलाफ चला दांव उल्‍टा पड़ गया और पार्टी की किरकिरी हुई सो अलग।
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