कुमार विश्वास के झगड़े की वजह कहीं राज्यसभा की सदस्यता तो नहीं है। अचानक विश्वास के तेवर बदलने को लेकर पार्टी में कई तरह की चर्चाएं हैं। पंजाब व गोवा के बाद निगम चुनावों को लेकर जिस तरह आप में उठापटक हुई है, उसकी वजह आप में पार्टी नेताओं द्वारा जगह बनाना और राज्यसभा की दावेदारी मजबूत करना माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के संवरा जनजाति के कुछ लोग पिछले कुछ दिनों से दिल्ली आकर विभिन्न सांसदों के चक्कर काट रहे हैं, पूछने पर बताते हैं कि हम लोग दशकों से इस तरह भटक रहे हैं, लेकिन हमें अभी तक कोई पायदा नहीं हुआ। दरअसल इनका कहना है कि सौंरा, संवरा, सवरा, सौरा छत्तीसगढ़ की जनजाति है जिन्हें पिछले 2002 से लिपिकीय त्रुटि की वजह से आदिवासी नहीं माना जा रहा है। लिहाजा जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण सहित अन्य लाभ से यह समुदाय पूरी तरह वंचित है।
राजस्थान के अलवर में गाय ले कर जा रहे एक व्यक्ति की गौरक्षकों द्वारा कथित रूप से बुरी तरह पीटे जाने के बाद उपचार के दौरान उसकी मौत होने की घटना से इंकार करने के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के राज्यसभा में दिए गए बयान को ले कर कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को उच्च सदन में हंगामा किया और सदन को गुमराह करने के लिए उनसे माफी की मांग की।
राज्यसभा में गुरुवार को उप सभापति पी जे कुरियन ने सरकार से राजस्थान के अलवर में गौरक्षकों द्वारा कथित तौर पर मारपीट किए जाने के संबंध में जांच करने और सदन को तथ्यों से अवगत कराने के लिए कहा।
राज्यसभा में गरुवार को जीएसटी से जुड़े चार बिलों को बिना किसी संशोधन के पास कर दिया गया है। इन चार बिलों में सी-जीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और जीएसटी मुआवजा बिल शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस से अपील की थी कि वो राज्यसभा में जीएसटी पर आम सहमति बनाने में मदद करे। इससे पहले लोकसभा में भी इन चारों बिलों को मंजूरी दे दी गई थी।
राज्यसभा में सपा के एक सदस्य ने सचिन तेंदुलकर और रेखा के सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होने पर आपत्ति जतायी और सवाल किया कि अगर उनकी रूचि इसमें नहीं है तो क्या उन्हें इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने रोजगार के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है। सिब्बल ने राजयसभा में कहा कि सरकार ने दो करोड़ रोजगार के अवसर मुहैया कराने का वादा किया था जबकि साल भर में एक लाख 30 हजार रोजगार के अवसर ही उत्पन्न हो पाए।
बसपा नेता मायावती ने भाजपा को दोबारा चुनौती दी कि अगर उसे उत्तर प्रदेश में जनता से जनादेश प्राप्त करने का पूरा भरोसा है तो वह राज्य में मतपत्रों का उपयोग करते हुए विधानसभा चुनाव कराए। साथ ही बसपा प्रमुख ने चुनावों में ईवीएम का उपयोग खत्म करने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग भी की।