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Search Result : "राणा मोहम्मद अफजल"

‘क्योंकि मेरा नाम मोहम्मद आमिर खान है’

‘क्योंकि मेरा नाम मोहम्मद आमिर खान है’

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली सरकार से कहा है कि क्यों न आतंकवाद के झूठे आरोपों में वर्षों जेल काटने वाले मोहम्मद आमिर खान को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाए? आयोग की इस सिफारिश से एक दफा फिर आमिर का मामला सुर्खियों में आ गया है। बम धमाकों के झूठे आरोप में 14 साल जेल में रहने के बाद बेशक आमिर आज आजाद आबो-हवा में सांस ले रहा है लेकिन इन 14 सालों ने उसकी जिंदगी बदल दी। उसका कहना है कि उसने इन सालों में जो खोया है,पांच लाख तो क्या पांच करोड़ भी उसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे लेकिन फिर भी वह मानवाधिकार आयोग का शुक्रिया करता है जिसकी इस सिफारिश ने इस बहस को हवा दी कि आतंकवाद के झूठे आरोप में जेल से रिहा होने के बाद सरकार की जिम्मेदारी है कि वह व्यक्ति का पुनर्वास करे। आमिर का यह भी कहना है कि बेकसूर रहते हुए भी उसने और उसके परिवार ने 14 साल सजा काटी क्योंकि उसका नाम मोहम्मद आमिर खान है।
गृहमंत्री पर माकपा सांसद के ‘गंभीर आरोप’, लोकसभा स्‍थागित

गृहमंत्री पर माकपा सांसद के ‘गंभीर आरोप’, लोकसभा स्‍थागित

माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने सोमवार को असहिष्‍णुता पर चल रही चर्चा के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह के प्रकाशित कथित बयान का उल्लेख किया, जिस पर सत्तापक्ष के भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ गई।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
पीडीपी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर ले तो हैरानी नहीं: उमर

पीडीपी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर ले तो हैरानी नहीं: उमर

विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अगर पीडीपी भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़कर कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बना लेती है तो भी उन्हें कोई हैरानी नहीं होगी। हालांकि मुफ्ती मोहम्मद सईद की पार्टी ने ऐसी किसी संभावना को खारिज किया है।
पाक को 6-2 से हरा भारत ने जीता जूनियर एशिया कप

पाक को 6-2 से हरा भारत ने जीता जूनियर एशिया कप

हरमनप्रीत सिंह के एक हैट्रिक सहित चार गोलों के दम पर भारत ने जूनियर एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 6-2 से करारी मात देते हुए ख़िताब अपने नाम कर लिया। भारत ने यह खिताब दूसरी बार जीता है।
महबूबा बन सकती हैं जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री

महबूबा बन सकती हैं जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री

जम्मू और कश्मीर की बागडोर जल्द ही महबूबा मुफ्ती संभाल सकती हैं। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी बेटी महबूबा के राज्य की कमान संभालने की बातों को खारिज नहीं किया है।
मुजफ्फरनगर दंगाः मंत्री समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ वारंट

मुजफ्फरनगर दंगाः मंत्री समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ वारंट

मुजफ्फरनगर दंगे के मामले में अदालत में नहीं पेश होने पर एक स्थानीय अदालत ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान समेत भाजपा के कई नेताओं के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया।
मुनव्वर की मनुहार करेंगे मोदी

मुनव्वर की मनुहार करेंगे मोदी

देश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के विरोध में पिछले दिनों अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे।
अवॉर्ड लौटाने वालों में मुनव्वर राणा भी शामिल

अवॉर्ड लौटाने वालों में मुनव्वर राणा भी शामिल

पिछले कुछ दिनों से पुरस्कार लौटा रहे लेखकों की सूची में नया नाम शायर मुनव्वर राणा का जुड़ गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, विरोध दर्ज कराने का इससे मजबूत और कोई जरिया नहीं है।
अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

खुलना से ढाका की ओर मैंने जब रवानगी डाली तो दिन के दो बज रहे थे। खुलना से ढाका की दूरी मात्र 132 किलोमीटर है। लेकिन यह 132 किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे पूरे नौ घंटे लगे। बीच में गंगा नदी को भी पार करना होता है, जो यहां आकर पद्मा बन जाती है। इस नदी पर कोई पुल नहीं है। बस, ट्रक, रिक्शे, सभी एक बड़े शिप पर सवार होते हैं और फिर उस पार पहुंचा दिए जाते हैं।
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