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सर्विस टैक्‍स के साथ अब 0.5% स्‍वच्‍छ भारत सेस भी लगेगा

सर्विस टैक्‍स के साथ अब 0.5% स्‍वच्‍छ भारत सेस भी लगेगा

सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी तरह की करयोग्य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सेस वसूलने का फैसला किया है। यह उपकर पहले से लागू 14 प्रतिशत सर्विस टैक्‍स के अतिरिक्त होगा। यानी अब कुल मिलाकर 14.5 फीसदी सर्विस टैक्‍स देना होगा। इससे चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों में जनता की जेब पर 400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
इस साल 51% उम्‍मीदवारों ने छोड़ी सिविल सेवा परीक्षा

इस साल 51% उम्‍मीदवारों ने छोड़ी सिविल सेवा परीक्षा

देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ज्‍यादातार उम्‍मीदवार इम्तिहान में बैठे बिना ही दौड़ से बाहर हो जाते हैं। इस साल करीब 51 फीसदी उम्‍मीदवार आवेदन करने के बावजूद परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इस तरह ज्‍यादातर उम्‍मीदवारों का प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना सिर्फ फार्म भरने तक सीमित रह गया।
अप्रैल-सितंबर अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 35.8 प्रतिशत बढ़ा

अप्रैल-सितंबर अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 35.8 प्रतिशत बढ़ा

उत्पाद शुल्क में लगभग 70 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ अप्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 35.8 प्रतिशत बढ़कर 3.24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की झलक मिलती है। एक साल पहले इसी अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2.38 लाख करोड़ रुपये रहा था।
रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

सिनेमा को चाहने वाले इस साल दिग्गज फिल्मकार सत्यजित रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली के साठ साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। इसी बीच रे की भारत में कम और यूरोप-अमेरिका में ज्यादा सराही गई फिल्म अरण्येर दिन रात्रि पर एक डॉक्यूमेंट्री रिवाइविंग इमेजरी सामने आई है। पिछले दिनों रांची, झारखंड में इसका प्रीमियर हुआ।
दिल्ली पुलिस की ‘ड्यूटी’ खत्म, ‘सेवा’ शुरू

दिल्ली पुलिस की ‘ड्यूटी’ खत्म, ‘सेवा’ शुरू

दिल्ली पुलिस को अब सभी सरकारी कामकाज हिंदी में करने का निर्देश मिला है। दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में करीब 80,000 अधिकारियों और जवानों वाले पुलिस बल को आम आदमी की बेहतर तरीके से सेवा के लिए सभी सरकारी संचार हिंदी भाषा में करने को कहा है।
इस सरकार को ईमानदारी कतई बर्दाश्‍त नहीं: संजीव चतुर्वेदी

इस सरकार को ईमानदारी कतई बर्दाश्‍त नहीं: संजीव चतुर्वेदी

जब से रेमन मैग्सायसाय फाउंडेशन ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को ‘उभरते नेतृत्व’ लिए अपना प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया है, तब से उन राजनेताओं और अधिकारियों में एक अर्थपूर्ण खामोशी देखी जा रही है, जो उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार के खुलासे के कारण चतुर्वेदी के पीछे पड़े हुए थे। अगस्त 2014 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद से हटाए गए चतुर्वेदी ने पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पर उन्‍हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधीकरण का दरवाजा खटखटाया था। चंडीगढ़ मे चंदर सुता डोगरा को दिए एक साक्षात्कार में 40 वर्षीय चतुर्वेदी बताते हैं कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मामले में कानून सम्मत कार्रवाई किए जाने की उनकी 'जायज उम्‍मीदें' ध्वस्त हो गईं।
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