साहित्य उत्सव या लिट फेस्ट अब स्कूल तक पहुंच गए हैं। अब तक इस तरह के उत्सव किसी शहर में बड़े साहित्यकारों के बीच ही होते थे। यह पहली बार है कि किसी स्कूल ने अपने यहां साहित्योत्सव आयोजित किया है।
देशभर के ज्योतिषियों ने भविष्यवाणियां की है कि यूपी, पंजाब और गोवा सहित पांच राज्यों में भाजपा को नोटबंदी के बाद भारी राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ेगा। पंजाब चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की हालत बेहद पतली होने वाली है। चुनावों के दौरान किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने वाला।
हरियाणा सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र में 6 दिसंबर से 10 दिसंबर के बीच अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित किया जाएगा और महोत्सव में देश के 574 जिलों से गीता के शलोकों के साथ प्रतिनिधि कुरुक्षेत्र में पहुंचेंगे। ये प्रतिनिधि अपने साथ अपने जिले की मिट्टी लेकर आएंगे, जिससे भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा तैयार की जाएगी।
नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम को तानाशाही वाली कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम भरोसे पर टिकी अर्थव्यवस्था की जड़ें खोखली करेगा।
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से लोगों की परेशानियां बढ़ने पर भाजपा में भी विरोध के सुर शुरू हो गए हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा कि इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए वित्त मंत्री ने कोई तैयारी नहीं की।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को आउटलुक हिंदी पत्रिका की तरफ से लाल गलियारे में विकास विषय पर संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाग ले रहे अतिथियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को शिक्षा और विकास देकर ही इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
विश्व प्रसिद्ध फ्रांसीसी अर्थशास्त्री गॉय सोरमन ने आज कहा कि भारत सरकार का 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला एक स्मार्ट राजनीतिक कदम है, लेकिन इससे भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर लगाए गए एक दिन के बैन के आदेश को स्थगित कर दिया है। इससे पहले सोमवार को चैनल ने केंद्र सरकार के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी थी जिसपर सुनवाई के लिए अदालत ने मंगलवार का दिन तय किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर चर्चा की वकालत करने के बीच कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे हर साल चुनाव पर होने वाले खर्च को कम करने और सरकारी फैसलों के आचार संहिता से प्रभावित होने से बचा जा सकेगा जबकि कुछ का कहना है कि इसमें संघीय लोकतंत्र बनाए रखना और दलीय लोकतंत्र की खामियां एक बड़ी चुनौती है।