बेंगलुरू में भारत-जर्मनी व्यवसायी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने-अपने देश मे निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जो छात्र डाॅक्टर बनकर निकल रहे हैं, उसमें से 54 प्रतिशत डाॅक्टर विदेश चले जाते हैं और लौटकर भारत नहीं आते। रिपोर्ट यह भी कहती है कि हिन्दी माध्यम से स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने वाले छात्र जब एम्स जैसी संस्था में पढ़ने जाते हैं, तो भाषाई स्तर पर पिछड़ने की वजह से उनमें से कई तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। यही वजह है कि अब एमबीबीएस की परीक्षा हिंदी में कराने की मुहिम तेज हो गई है।
झीलों के शहर से हिंदी की सुरलहरी की अनुगूंज विश्व भर में गूंजी। देश-विदेश से आए लोग इस दिवस का हासिल है। साक्षीजनों के बीच से जो संदेश निकलकर आया, उसके अर्थ और निमित्त बहुत ही दूरगामी है।
भोपाल में चल रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में साहित्यकारों और साझी संस्कृति की अवहेलना पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। वरिष्ठ कवि सरकारी रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए, इसे हिंदी भाषा का अपमान और हिंदू सम्मेलन की संज्ञा देते है
विवादों के बीच भोपाल में शुरू हुआ 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन बगैर कोई छाप छोड़े समाप्त हो गया। पूरे कार्यक्रम के आयोजन में इसके उद्घाटन और समापन पर ही आयोजकों का सारा फोकस था। पर उसके बावजूद कार्यक्रम पूरी तरह से अपने उद्देश्यों से दिशाहीन होकर समाप्त हो गया। विवादों का ही असर हुआ जिसके चलते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके समापन समारोह में अपने पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए।
भोपाल में शुरू होने वाले 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन शुरुआत से पहले ही जमकर विरोध में साहित्यकारों की जमात हो रही है।। एक दिन पहले केन्द्रीय मंत्री वी.के. सिंह के विवादास्पद बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष को न्यौते के मुद्दे को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद पाकिस्तान ने राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन रद्द कर दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने यह खबर दी है। गौरतलब है कि भारत के विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्षों को इस सम्मेलन का न्यौता दिया गया था मगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष को नहीं बुलाया गया था।
श्रीलंका के वर्तमान प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का फिर से प्रधानमंत्री बनना करीब-करीब तय हो गया है। हालांकि उनकी युनाइटेड नेशनल पार्टी 225 सदस्यीय संसद में सामान्य बहुमत से कुछ दूर रहती दिख रही है मगर माना जा रहा है कि देश के तमिल बहुल इलाकों के सबका सूपड़ा साफ कर देने वाली तमिल नेशनल अलायंस विक्रमसिंघे का समर्थन कर सकती है। तमिल पार्टियों को झुकाव पहले से ही यूएनपी की ओर है। इन चुनावों में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को करारा झटका लगा है जो संसदीय चुनाव में जीतकर देश का प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब बुन रहे थे।