जेएनयू विवाद को लेकर आज आरोप-प्रत्यारोप का दौर उस वक्त तेज हो गया जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रविरोधियों का समर्थन कर रहे हैं और भारत का एक और बंटवारा चाहते हैं। वहीं राहुल ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा बांटने और नफरत फैलाने के एजेंडा पर अमल कर रही है।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सोमवार को दावा किया कि कन्हैया ने परिसर में विवादित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगाए थे लेकिन पुलिस को अब तक जेएनयू की घटना का लश्करे तैयबा से जुड़ाव का सबूत नहीं मिला है।
संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ जेएनयू परिसर में एक आयोजन को लेकर जारी विवाद के बीच विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने लोगों से संस्थान को राष्ट्र विरोधी करार ना देने की अपील की।
संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विरोध में जेएनयू में आयोजित कार्यक्रम पर पैदा हुए विवाद के तूल पकड़ने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब साझा किया जा रहा है जिसमें कथित तौर पर आरएसएस-भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते दिख रहे हैं।
जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के आरोप में छात्र संघ अध्यक्ष को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में आयोजित एक विरोध सभा में विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा सचिव डी राजा के अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जेएनयू परिसर पहुंचे। विरोध में हिस्सा लेकर नेताओं ने छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग की। इस बीच, सरकार ने जोर देकर कहा कि इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को देशद्रोही गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने दिया जा सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर चुप्पी तोड़ते हुए आज शोक व्यक्त किया हालांकि लखनऊ की बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में उनके संबोधन के दौरान कुछ छात्राों ने नारेबाजी की।
पाकिस्तान उच्चायोग अब्दुल बसीत ने 23 मार्च को अपने देश के राष्ट्रीय दिवस पर हुर्रियत नेताओं को दावत दी कि मीडिया के एक हिस्से ने इसे द्विपक्षीय वार्ताओं से कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को अलग रखने के भारत-पाक करार का पुन: उल्लंघन बताया। लेकिन सरकारी प्रतिक्रिया को देखें तो असहज होते हुए भी भारत सरकार के लिए यह मसला इतना बड़ा नहीं है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत फिर स्थगित कर दी जाए।