बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार की घोषणा के बाद राजद नेताओं के बीच इस बात की खलबली मच गई कि अचानक यह सब कैसे हो गया। कल तक राजद प्रमुख लालू यादव इसके लिए असहमत थे लेकिन अचानक कैसे मान गए।
इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी और स्मार्ट फोन के इर्द-गिर्द ही सिमट चुकी है पूरी युवा आबादी। इसी आबादी के बीच ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स ने गहरी पैठ बना ली है। भारत में फिलहाल 63 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन आ गए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने 30 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता बढ़ते जा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत स्मार्टफोन का दूसरा बड़ा बाजार बन गया है। नेटवर्किंग समाधान कंपनी सिस्को का अध्ययन बताता है कि अगले चार साल में यहां 65 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन उपभोक्ता हो जाएंगे।
भारत-पाकिस्तान विवादों में ताजा कड़ी जुड़ गई। पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित- बालतिस्तान क्षेत्र में नया चुनाव करा रहा है। मालूम हो कि अपने हिस्से वाले कश्मीर को पाकिस्तान अनेक अलग-अलग टुकड़ों में पहले ही बांट चुका है जिनमें एक गिलगित-बालतिस्तान है। पाकिस्तान एक हिस्सा चीन को सौंप चुका है। दो अन्य हिस्से हैं – हुंजा या उत्तरी इलाके और पाक अधिकृत कश्मीर जिसमें मीरपुर और मुजफ्फराबाद के क्षेत्र हैं। भारत सरकार इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है। इस तथा अन्य मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, जम्मू-कश्मीर के पार्टी प्रभारी और भारतीय जनता पार्टी में विदेशी मामलों को देख रहे राम माधव ने आउटलुक हिंदी से बात की।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दूसरी बार मंच साझा न किए जाने का के कारण जनता दल यूनाइटेड जद (यू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ आने में आ रही अडचनों को लेकर चल रही अटकलों को बल मिला है।
भीषण गर्मी और लू से अब तक देश में 1100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके बावजूद अभी तक इसे राष्ट्रीय आपदा नहीं माना जा रहा है। नेपाल भूकंप में तुरंत राहत पहुंचाने वाली केंद्र सरकार भी इस मामले को हल्के में ले रही है।
कष्ट में पड़े लोग सरल हृदय करुणा के स्पर्श की सांत्वना के भूखे होते हैं। आत्मरत चतुराई उनके जले पर नमक छिडक़ती है। यह बात मोदी सरकार के चालाक मीडिया प्रबंधक नहीं समझ पाए। वे यह भी भूल गए कि भारतीय टेलीविजन, खासकर हिंदी टेलविजन, नेपाल के लोग भी देखते और समझते हैं।
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढकर 7 हजार से ज्यादा हो गई है और 14,025 अन्य लोग घायल हुए हैं। अब मलबे में शायद ही किसी के जिंदा बचे होने की उम्मीद बची है।