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नहीं घटेगा रेल किराया

नहीं घटेगा रेल किराया

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने आगामी रेल बजट में किराया घटाए जाने की संभावना से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि संसद में संशोधन विधेयक पारित करके रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को भी मुकदमा दर्ज करने का अधिकार दिया जाएगा।
रेल हादसे में 10 की मौत

रेल हादसे में 10 की मौत

बंगलूरू से एर्नाकुलम जा रही ट्रेन के पटरी से उतर जाने पर 10 लोगों की मौत हो गई है और क़रीब 100 लोग घायल हो गए हैं। यह हादसा होसूर के पास बेलागोंडापल्ली गांव के पास हुआ। हादसे के बाद एक फिर रेलवे मंत्रालय पर सवाल उठने लगे हैं।
बढ़ सकता है रेल किराया

बढ़ सकता है रेल किराया

रेलवे का निजीकरण तो फिलहाल नहीं होगा लेकिन निवेश बढ़ाने के लिए कुछ ट्रेनों और स्टेशनों के नाम परिवर्तन के साथ ही कुछ नई पहल का ऐलान संभव है। यात्री किराया बढ़ाने के साथ ही रेलों में भी हवाई अड्डों एवं विमानों जैसी सुरक्षा का प्रावधान संभव।
चल दिए जहाज से

चल दिए जहाज से

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा रेलवे की व्यवस्था को देखने के लिए जब दौरे पर जाते हैं तो भी हवाई जहाज से ही जाते हैं। क्योंकि भारतीय रेल है समय से पहुंचेगी या नहीं। इसलिए हवाई जहाज की सहारा है।
प्रकृति से छीना तो वापस भी करो

प्रकृति से छीना तो वापस भी करो

हिमाचल प्रवास के दौरान कहीं वैसे रसीले आडू भी नहीं दिखे जैसे हमने राज्य में घुसने के ठीक पहले पंचकुला में लिए थे। और लाल-लाल चेरी ने हमें सिर्फ नारकंडा के आसपास राजमार्ग पर लुभाया। पहाड़ी ढलानों पर सेबों के बागान-दर-बागान दिखते चले गए और हम लोगों से पूछते रहे, कहां गए, कहां गए हिमाचल के मशहूर सेब? शायर मिलते तो कह देते, सेबों को किन्नौरी बालाओं के रुखसार की रंगत में देखिए। लेकिन हमें पता चला, हिमाचल में इस बार फलों की पैदावार में जबर्दस्त गिरावट आई है। फलों में वहां मुख्य पैदावार सेब और नाशपाती की होती है और इन दोनों का उत्पादन इस वर्ष 50-60 प्रतिशत कम हुआ है।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
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