Advertisement

Search Result : "रोमी साहनी"

चर्चाः सांसदों के भत्तों में सेंध | आलोक मेहता

चर्चाः सांसदों के भत्तों में सेंध | आलोक मेहता

यात्रा भत्ते में घोटाले के आरोप में फंसे सांसद अनिल साहनी ने अपने बचाव में नया पर्दाफाश किया है कि ‘मैंने एलटीसी गिरोह के सदस्यों द्वारा मेरे नाम से फर्जी बिल जमा करने के बारे में 2013 में ही अधिकारियों से शिकायत की थी।’
डेबिट, क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अधिभार के खिलाफ न्यायालय में याचिका

डेबिट, क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अधिभार के खिलाफ न्यायालय में याचिका

देशभर में डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये किए जाने वाले लेनदेन पर लगाए जाने वाले अधिभार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
भीष्म साहनी का आज का अतीत

भीष्म साहनी का आज का अतीत

लोगों की पहचान, संस्कृति और राजनीति को आकार देने के पीछे न अनगिनत आंदोलनों और अभियानों का हाथ होता है। शायद अनगिनत, और भीष्म साहनी जैसी शख्सियत को गढ़ने में भी स्वतंत्रता आंदोलन, पूर्वाग्रहों और अज्ञानता से जंग के कई अभियान गुजरे होंगे इसलिए उनका जीवन और उनके संस्मरण आज के दौर के लिए प्रासंगिक हैं।
बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

पहली बार मैं किसी मामले में अमित शाह से खुद को पूरी तरह सहमत पाता हूं। यह कि बिहार चुनाव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं है।
भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

लेखक परिचय: 8 अगस्त 1915 में रावलपिंडी में जन्म। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में एक। सन 1937 में लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने सन 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद भारत आकर समाचार पत्रों में लिखा और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़े। अंबाला और अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में भी साहित्य के प्रोफेसर रहे। भाग्य-रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वाङचू, शोभायात्रा, निशाचर, पाली नाम से कहानी संग्रह के साथ झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफर उपन्यास बहुत चर्चित रहे। इस साल उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सन 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और इसी वर्ष शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार) मिला। सन 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और 1998 में पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
काले धन पर वही ढाक के तीन पात

काले धन पर वही ढाक के तीन पात

स्विट्जरलैंड में आधिकारिक तौर पर ताजा सार्वजनिक किए गए बीसियों विदेशी स्विस बैंक खाता धारकों में मात्र पांच भारतीय खाताधारकों के होने से एक बार फिर साफ हो चला है कि विदशों में अवैध धन जमा कराने वाले भारतीयों के मामले में दिखावटी शोर ज्यादा और वास्तविक कार्रवाई कम हो रही है।
फ्रांसीसी उद्योगपतियों ने दिया भारत में स्पष्ट, पारदर्शी नियमों पर जोर

फ्रांसीसी उद्योगपतियों ने दिया भारत में स्पष्ट, पारदर्शी नियमों पर जोर

फ्रांसीसी कारोबारी नेताओं ने मोदी के पूर्व दौर में आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए स्पष्ट, पारदर्शी और स्थिर नियमों पर जोर दिया तथा भारत में निवेश में रूचि जताते हुए भारतीय कंपनियों के साथ विशेष क्षेत्रों में पांच कार्यबल गठित करने का निर्णय किया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement