यूपीए सरकार के समय बड़े-बड़े दावों के साथ शुरू की गई सस्ते आकाश टैबलेट की परियोजना आईआईटी बंबई में बंद हो चुकी है। इसके भविष्य के बारे में संस्थान को कोई जानकारी नहीं है।
भारत में भले ही मनरेगा के बजट में कटौती और इसे कमजोर करने की कोशिशों पर बहस छिड़ी है लेकिन वर्ल्ड बैंक ने इसे विश्व की सबसे बड़ी सार्वजनिक निर्माण योजना माना है।
मध्य प्रदेश में किसी किसान की जमीन जबर्दस्ती लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम जानते हैं कि किसान और खेती के बिना हमारा राज्य विकास नहीं कर सकता है। किसान हमारी पहली प्राथमिकता है। आउटलुक से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह जोर देकर यह कहा कि केंद्र के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के तहत उनके राज्य में किसानों के साथ कोई जोर-जबर्दस्ती नहीं की जाएगी, उससे साफ था कि वह किसानों के हिमायती राष्ट्रीय नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने की तैयारी में हैं।
अगर शीर्षक पढ़ कर चौंक गए हैं तो सही चौंके हैं। लेकिन उतना भी सही नहीं। दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन सरकार की कन्यादान योजना के तहत अब उन वर-वधू को 12,000 रुपये की सहायता देंगे जिनके घर में शौचालय नहीं है। इस पैसे से नवदंपति शौचालय बनवाएंगे। तो हुआ न यह कन्यादान में शौचालय।
ई-काॅमर्स में धूम मचाने वाली फ्लिपकार्ट डिस्काउंट के नाम पर हेरा-फेरी की वजह से सोशल मीडिया के निशाने पर आ गई है। आराेप है कि फ्लिपकार्ट डिस्काउंट देने के नाम पर प्रोडक्ट की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बता रही है और खरीदारों को गुमराह किया जा रहा है। बिग बिलियन सेल के दौरान भी कंपनी पर इस तरह के आरोप लगे थे।
अक्टूबर में नए रूप में पेश होने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में अब कर्मचारी भविष्य निधि और एनपीएस के धन का भी कुछ हिस्सा लगाया जा सकेगा। सरकार ने इसके जरिये 69 हजार 500 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। ईटीएफ एक तरह की प्रतिभूति होती है जो किसी सूचकांक, उपभोक्ता जिंस अथवा सूचकांक कोष की तरह एक साथ रखी गई संपत्तियों का कोष होता है लेकिन इसकी शेयर बाजार में स्टॉक की तरह खरीद फरोख्त होती है।
बड़ी-बड़ी उम्मीदों और वादों के साथ केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपना एक साल पूरा करने जा रही है। इस मौके पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक साल के दौरान अपने वादों और नारों पर खरे उतर पाए? इस एक साल में उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा? अगर आर्थिक नजरिये से देखा जाए तो मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड बी ग्रेड का कहा जाएगा।