जावेद अख्तर की तरह उनके बेटे फरहान अख्तर भी सामाजिक और राजनैतिक मसलों पर अपनी अलग राय रखते हैं। फरहान ने अपने फेसबुक पेज पर दादरी में हुए हत्याकांड पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है।
निर्वासित जीवन जीने और गिरफ्तारी के खतरे का सामना करने के बावजूद आईपीएल के बर्खास्त आयुक्त ललित मोदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी की टक्कर में एक नई क्रिकेट संस्था का खाका तैयार किया है। उनका दावा है कि यह दुनिया भर में क्रिकेट का भविष्य है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आईपीएल टीम की निविदाओं के फेरबदल को लेकर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने दस्तावेजों के साथ कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आईपीएल की बोलियों में एकतरफा शर्तें रखवाने का काम किया। गौरतलब है कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और अमित शाह उपाध्यक्ष थे।
लोकसभा में गुरुवार को सुषमा के भावनात्मक बयान को सोनिया ने नाटक करार दिया है। सोनिया गांधी ने कहा कि मैं उस महिला की मदद की अपनी ओर से पूरी कोशिश करती लेकिन मैं नियम तोड़कर ऐसा नहीं करती।
सुषमा ने कहा कि ललित मोदी की पत्नी पिछले 17 साल से कैंसर से पीड़ित हैं, उनके खिलाफ कोई केस नहीं है और उन्होंने कोई चोरी नहीं की है। मैंने यात्रा के दस्तावेज के लिए सिफारिश की थी। मैंने मानवीय आधार पर संदेश ब्रिटिश सरकार तक पहुंचाया, अगर मेरी जगह सोनिया जी होतीं तो क्या करतीं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा ललित मोदी प्रकरण को लेकर संसद में दिए गए भाषण के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस की ओर से बाकायदा ललित मोदी के सैर सपाटे की तस्वीरें जारी की गई हैं जो 1 अगस्त 2014 से 13 जून 2015 तक है। इन तस्वीरों को जारी करके कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि जिस व्यक्ति की मदद की गई है वह ऐश कर रहा है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राज्यसभा में कहा कि उन्होंने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज दिलाने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध नहीं किया था और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार एवं तथ्यहीन हैं। लेकिन कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण वह अपनी बात पूरी नहीं कर सकीं और उपसभापति पीजे कुरियन ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
येचुरी ने भाजपा पर दोहरे मानदंड का आरोप लगाते हुए विपक्ष में रहने के दौरान भाजपा के कई उदाहरण गिनाए जब उसने ए राजा, दयानिधि मारन, शशि थरूर, पी के बंसल, अश्वनि कुमार और के नटवर सिंह जैसे संप्रग सरकार के मंत्रियों के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद नहीं चलने दिया था।