उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा सपा-कांग्रेस गठबंधन का खुला विरोध किये जाने से पैदा सूरतेहाल के बीच लोकदल इसमें अपने लिये सम्भावनाएं देख रहा है और उसे उम्मीद है कि मुलायम राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी का अभियान केवल बिहार में ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी छेड़े हुए हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के बाद हरियाणा में भी शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार ने राग छेड़ दिया है। इस अभियान के जरिए नीतीश कुमार तीसरे मोर्च के घटक दलों को लामबंद करने की तैयारी भी कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई सियासी सरगर्मी के बीच अजित सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने आज सपा और भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिये चुनावी फायदा उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में भाईचारा खत्म करने का प्रयास इस बार सफल नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने का एलान कर चुके राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह ने आज अपना रुख बदलते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की नीतियों में विश्वास रखने वाले दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने का आग्रह किया।
हाल ही में कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी हरियाणा से नामी वकील और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके आनंद को भी राज्यसभा भेज सकती है। बशर्ते आनंद प्रदेश से अपने लिए समर्थन जुटा सकें। कांग्रेस ने आरके आनंद को कहा है कि अगर वह हरियाणा से ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का समर्थन हासिल कर सकते हैं तो पार्टी उन्हें हरियाणा से उम्मीदवार घोषित कर सकती है। गौरतलब है कि राज्यसभा में सरकार के पास समर्थन नहीं है, इसलिए कांग्रेस चाहती है कि उसके तेज-तर्रार नेता राज्यसभा में पहुंचे। आरके आनंद जहां नामी वकील माने जाते हैं वहीं पार्टी के फायर ब्रांड नेता भी हैँ। कानूनी तौर पर उन्होंने बहुत दफा कांग्रेस के दिग्गजों की नइय्या पार लगाई है।