चोरी करना तो हमेशा से ही खराब है। लेकिन नए जमाने में चोरी की परिभाषाएं भी बदल गई हैं। किसी सामान को बिना पूछे उठा लेना, जेबकतरी जैसी बातों को भूल जाइए। अब वाई फाई चोरी भी गंदी बात है।
दिल्ली सरकार ने नगर निगमों के लिए 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवंटित राशि देते हुए निगमों को धन का उचित इस्तेमाल करने की हिदायत दी है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली का बजट पेश करते हुए राष्ट्रीय राजधानी के नगर निगमों के लिए 6919 करोड़ रुपये की घोषणा की है।
अपने विवादास्पद फ्री बेसिक अभियान को बंद करने के एक दिन बाद फेसबुक इंडिया की प्रबंध निदेशक के. रेड्डी ने आज अपने मौजूदा प्रभार से इस्तीफा दे दिया। उन्हें अमेरिका में नियुक्त किया जाएगा।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गूगल अगले साल तक देश के 100 रेलवे स्टेशनों पर इंटरनेट संपर्क सुगम बनाने के लिए वाई-फाई की व्यवस्था चालू कर देगी। यह बात आज कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुंदर पिचई ने कही।
कर्नाटक के लोकायुक्त वाई भास्कर राव ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा सोमवार को कर्नाटक लोकायुक्त के प्रभारी रजिस्ट्रार एन.एस. बालाकृष्ण ने राज्यपाल वजुभाई आर वाला को सौंपा। मंगलवार को राज्यपाल ने इस्तीफा मंजूर कर लिया।
काफी विलंब के बाद खेल मंत्रालय ने आखिरकार ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा को टीओपी योजना में शामिल करके मंत्रालय और मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के खिलाफ पक्षपात की इन दोनों की शिकायत से उपजे विवाद पर विराम लगा दिया।
पटना हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने पिछले हफ्ते सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश के बारे में एक खुला पत्र लिखकर उनके विदाई समारोह में जाने से साफ मना कर दिया कि वह ‘मुगल बादशाह’ की तरह काम करते थे और कानून के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं था।
जैसे चीजें चल रही हैं, भारतीय अनुसंधान परिषद का नाम जल्द ही भारतीय इतिहास गोलमाल परिषद कर देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर सबसे पहले पहचान की एक गड़बड़ी को लें। भारत के गजट में अधिसूचित किया गया कि किन्हीं वी.वी हरिदास को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद का नया सदस्य नियुक्त किया गया है जो ‘कालीकट में इतिहास के प्रोफेसर’ हैं। जब इन हरिदास महाशय ने हिचकते हुए आईसीएचआर फोन करके कहा कि वह इससे बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं, तब पता चला कि यह वह हरिदास नहीं हैं जिनकी अनुशंसा मंत्रालय ने की थी। इतिहास में पीएचडी वी.वी हरिदास मंगलूर विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। लेकिन यह तो कोई दूसरे पी.टी हरिदास थे जिन्हें परिषद के लिए मनोनीत किया गया था हालांकि वह पी.एच.डी नहीं थे।