प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की याद में 125 रूपये औैर 10 रूपये के स्मारक सिक्के जारी किए। आज बाबा साहेब अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस है। इस साल सरकार अंबेडकर की 125वीं जयंती भी मना रही है।
धर्मनिरपेक्षता की धारणा पर कुछ हद तक सवाल खड़े करते हुए संविधान दिवस (26 नवंबर 2015) के आयोजन ने इस बहस को एक बार फिर से खड़ा कर दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उस दलील को दोहराया जिसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार अर्से से उठाता रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता शब्द की विकृत परिभाषा का उपयोग समाज में तनाव उत्पन्न कर रहा है।
सीमा सुरक्षा बल ने अपने स्थापना दिवस के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान मोटरसाइकिल पर अपने कौशल का प्रदर्शन किया। समारोह में सुरक्षा के बल के जवानों ने एक से बढ़कर एक हैरतंगेज कारनामों के प्रदर्शन से दर्शकों को चकित कर दिया।
असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्याचार की किसी भी घटना को समाज के लिए कलंक बताते हुए आज कहा कि देश के 125 करोड़ लोगों में से किसी की भी देशभक्ति पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता है और न ही किसी को हर समय अपनी देशभक्ति का सबूत देने की आवश्यकता है।
लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। संंविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाबासाहेब का योगदान न होता तो संविधान शायद सामाजिक दस्तावेज न बनता। यह एक कानूनी दस्तावेज ही रह जाता।
तमिलनाडु के भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना और वायुसेना बलों को तैनात किया गया है। राज्य में लगातार हुई बारिश ने कई इलाकों को पूरी तरह डुबो दिया है जिसमें अब भी सैंकड़ों लोग फंसे हुए हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि पुरस्कारों की कद्र करनी चाहिए, इन्हें संजोकर रखना चाहिए। भावनाओं में बहने के बजाय अपनी असहमति को बहस और विमर्श के जरिए व्यक्त करना चाहिए। राष्ट्रपति की इस बात को पुरस्कार वापसी मुहिम में जुटे लोगों को नसीहत भी माना जा रहा है।
हिंदुस्तान को पूरी दुनिया में मधुमेह या डायबिटीज राजधानी कहते हैं और इसे कलंक का यह तमगा यूं ही नहीं मिल गया है। हकीकत यह है कि दुनिया भर में करीब 34 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं। इसमें भी 20 फीसदी यानी करीब 7 करोड़ मरीज अकेले भारत में हैं। यह आंकड़ा देश की कुल जनसंक्चया का करीब 3 फीसदी है। मधुमेह को बाकी बीमारियों की गंगोत्री कह सकते हैं। इससे पीड़ित होने के बाद अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में में आना महज वक्त की बात होती है।
आज भी लाखों-करोड़ों लोग गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं, इस बात को स्वीकार करते हुए और लोगों में इसके खिलाफ जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इंग्लैंड 18 अक्टूबर के दिन को दासता विरोधी दिवस के तौर पर मनाता है। इस साल इसमें मुख्य एजेंडा आधुनिक दासता और मानव तस्करी को खत्म करना था। वाक फ्री की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व के सबसे ज्यादा बधुआ मजदूर हैं और भारत के ईंट भट्टे में बंधुआ मजदूरी करवाई जाती है। भारत को भी अपने तमाम पारंपरिक और आधुनिक गुलामी के तरीकों के विरुद्ध एक दिन समर्पित करना चाहिए।