भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास पर हमला बोला। जिस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अनुशासित सरकारी अधिकारी पर इस तरह के हमले को अनुचित व गलत बताया।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को निशाने पर लेने के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अब केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम पर निशाना साधा है और उन्हें हटाने की मांग की है। स्वामी ने टि्वटर पर लिखा, ‘अमेरिकी कांग्रेस को 13 मार्च, 2013 को किसने कहा था कि अमेरिकी फार्मा उद्योग के हितों की रक्षा के लिए भारत के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। अरविंद सुब्रह्मण्यम ... वित्त मंत्रालय ... उन्हें हटाया जाए।’
सुब्रह्मण्यम स्वामी राजनीति के नए खिलाड़ी नहीं हैं। उखाड़-पछाड़ का उनका रिकार्ड पुराना और प्रधानमंत्रियों-पार्टियों के लिए अग्निकुंड तैयार करने वाला रहा है। इसलिए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के साथ सरकार में बैठे 27 लोगों को ध्वस्त करने के उनके ऐलान पर आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि प्रवासी भारतीय :एनआरआई: अब राष्ट्रीय पेंशन बचत खाता :एनपीएस: आॅनलाइन खोल सकते हैं, बशर्ते उनके पास आधार कार्ड या पैन कार्ड हो।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह ने अपने पुत्र रणइंदर सिंह को प्रवर्तन निदे्शालय की ओर से सम्मन जारी करने को वित्त मंत्री अरूण जेटली की लोकसभा में अपनी हार का बदला लेने के लिए की गई कार्रवाई बताया है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर ने कहा है कि न्यायपालिका तभी हस्तक्षेप करती है जब कार्यपालिका अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में विफल हो जाती है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को दुनिया के सबसे बेहतर अर्थशास्त्रियों में से एक बताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देखने वाली महत्वपूर्ण बात तो यह है कि क्या मोदी सरकार रघुराम राजन के लायक है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था, भारत, अच्छे मानसून का पूर्वानुमान साकार होने पर और अधिक तेज गति से वृद्धि दर्ज करेगा।
मनमोहन सिंह की ईमानदारी और भलमनसाहत पर कोई प्रश्न नहीं उठाया गया। यह तर्क भी दिया जाता है कि वह राजनीतिज्ञ ही नहीं हैं। उनके वित्त मंत्री रहते शेयर घोटाले जैसे आरोप आने पर सारा कीचड़ नरसिंह राव के सिर पर उलट दिया गया। 2004 से 2014 तक दस वर्ष प्रधानमंत्री रहते हुए सरकार पर घोटालों और भ्रष्टाचार के गंभीरतम आरोप लगे एवं कांग्रेस पतन के गर्त तक पहुंच गई।