सरकारी बैंक भारी डूबत कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष तक उनका सकल एनपीए 2.67 लाख करोड़ रुपये था जो पूरे बैंकिंग उद्योग के एनपीए का 86 प्रतिशत बैठता है।
ब्याज दरें तय करने के मामले में आरबीआई गवर्नर की वीटो पावर खत्म करने के मुद्दे पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं। राजन ने कहा है कि बेहतर होगा यदि एक व्यक्ति के बजाय कोई समिति मुख्य ब्याज दरों के बारे में फैसला करे। राजन के मुताबिक, इस मामले पर आरबीआई और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है।
कई विवादों और खराब प्रदर्शन के बीच डोएच्च बैंक के सह-मुख्य कार्यकारी अंशु जैन ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस कदम के बाद जर्मनी के सबसे बड़े बैंक के भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
करदाताओं के विरोध को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने नए आयकर रिटर्न फार्म जारी किए हैं। इनमें विदेश यात्राओं और निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी देने के विवादास्पद प्रावधानों को हटा दिया है। आयकर रिटर्न अब 31 अगस्त तक भरा जा सकेगा।
हर ओर से यही सवाल उठ रहे हैं कि यह आयोग आखिर करेगा क्या? इसके अधिकारों और काम-काज के दायरे को अब तक परिभाषित नहीं किया गया है और फिलहाल इसे सिर्फ थिंक टैंक के रूप में लिया जा रहा है।