दिल्ली में 77 साल का एक बुजुर्ग 37 साल ली गई जमीन के मुआवजे के लिए भटक रहा है। मुआवजा तो दूर उसे इसकी जानकारी हासिल करने के लिए भी केंद्रीय सूचना आयोग से गुहार लगानी पड़ी।
आलोक कुमार और जितेन्द्र कुमार को नीति आयोग में पांच साल के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया है। ये नियुक्तियां शनिवार से प्रभावी हो गई हैं। आलोक उत्तर प्रदेश कैडर के 1993 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जबकि जितेंद्र उत्तराखंड कैडर के 1987 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर आए खर्च से जुड़ी जानकारी उजागर नहीं किए जाने के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा गठित समिति ने सभी मंत्रालयों को इस तरह की जानकारियां उजागर करने और सक्रिय रुप से अपडेट करने निर्देश दिए हैं।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने स्वीडन की दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एरिक्सन के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया कंपनी के खिलाफ प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन का मामला बनता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार की उपलब्धियों में इसे किस तरह शामिल करेंगे कि उनके शासनकाल में पिछले नौ महीने से प्रधान सूचना आयुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है। करीब 15 हजार शिकायतें और अपीलें मुख्य सूचना आयुक्त के दफ्तर में धूल खा रही हैं।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एशियन अमेरिकंस एंड पैसिफिक आइलैंडर्स (एएपीआईज) के अपने सलाहकार आयोग में आईआईटी की एक पूर्व छात्रा को नामित किया है।
अखिल भारतीय बार संघ (एआईबीए) ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से शिकायत की है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में कम से कम 125 जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी पूर्ववर्ती कॉलेजियम प्रणाली खत्म करने से उत्पन्न हुई संवैधानिक शून्यता के कारण हो रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के गठन में भी देर की जा रही है।
5 मई को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आधिकारिक तौर पर माना कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की 20 सालों तक कथित जासूसी की जांच वह नहीं करवाने जा रही है। गृहराज्यमंत्री हरिभाई पारथी भाई चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह भी माना कि नेताजी से संबंधित और कोई दस्तावेज सरकार सार्वजनिक नहीं करेगी।