Advertisement

Search Result : "विधानसभा सचिव"

यूपी और पंजाब चुनाव में भाजपा के खिलाफ देंगे वोट: जाट नेता

यूपी और पंजाब चुनाव में भाजपा के खिलाफ देंगे वोट: जाट नेता

भारतीय जनता पार्टी पर आरक्षण के मुद्दे पर छल करने का आरोप लगाते हुए जाट संगठनों और खाप पंचायतों ने गुरूवार को कहा कि समुदाय के सदस्य अगले साल पंजाब और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी के खिलाफ मतदान करेंगे।
नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
टिकटों की नीलामी का आरोप लगा स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा छोड़ा

टिकटों की नीलामी का आरोप लगा स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा छोड़ा

बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मौर्य ने बसपा अध्यक्ष मायावती पर आरोप लगाया कि वे पैसा लेकर टिकट बेचती हैं और दलित आंदोलन की हत्या कर रही है।
योग के बहाने भाजपा नेताओं ने मतदाताओं को लुभाया

योग के बहाने भाजपा नेताओं ने मतदाताओं को लुभाया

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भाजपा नेताओं ने चुनावी राज्यों में अपने वोट बैंक को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा नेताओं के लिए योग दिवस पर अपनी ताकत दिखाई ताकी पार्टी का टिकट उन्हें मिल सके।
भाजपा पर कसता शिरोमणि अकाली दल का शिकंजा

भाजपा पर कसता शिरोमणि अकाली दल का शिकंजा

पंजाब विधानसभा चुनावों की घड़ी जैसे जैसे नज़दीक आती जा रही है , वैसे वैसे ही शिरोमणि अकाली दल के अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा को दबाव में लेने के प्रयास तेज़ होते जा रहे हैं ।
संसदीय कमेटी करे क़ैराना की जांच : केसी त्यागी

संसदीय कमेटी करे क़ैराना की जांच : केसी त्यागी

उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले क़स्बे क़ैराना में कुछ सांसदो के साथ दौरा कर लौटे जेडीयू के राज्यसभा सदस्य केसी त्यागी दावा करते हैं कि क़ैराना से पलायन के दावे सरासर बकवास हैं । बक़ौल उनके, विधानसभा चुनावों की आहट से भाजपा बेचैन है और इसीलिए हवाई मुद्दे गढ़ रही है । पेश है केसी त्यागी से रवि अरोड़ा की इसी मुद्दे पर हुई खास बातचीत के कुछ अंश -
पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।
कनार्टक: मंत्रिमंडल में भारी फेरबदल, 14 की छुट्टी, 13 नए चेहरे शामिल

कनार्टक: मंत्रिमंडल में भारी फेरबदल, 14 की छुट्टी, 13 नए चेहरे शामिल

तीन साल पुरानी अपनी सरकार की छवि में सुधार का प्रयास करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस सिद्धारमैया ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल कर 14 मंत्रियों को हटा दिया और 13 नए चेहरों को शामिल किया।
चर्चाः सिंहासन पर बैठ कांव कांव | आलोक मेहता

चर्चाः सिंहासन पर बैठ कांव कांव | आलोक मेहता

सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके कर्म-वचन जनता के हित के लिए होने चाहिए। सिंहासन पर बैठकर कांव कांव करना उन्हें शोभा नहीं देता। पेड़, शाखा, गांव, शहर और मंच पर छलांग लगाते हुए उन्हें अलग-अलग बातें नहीं करनी चाहिए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement