मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष टीएन हाओकिप ने बुधवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार को पार्टी विधायकों को तोड़ने की साजिश रचकर अस्थिर करने का प्रयास किया।
राजस्थान के कोटा शहर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने महावीर नगर थाने में जमकर बवाल किया। दरअसल पुलिस हेलमेट नहीं पहनने वाले लोगों का चालान काट रही थी। और यही बात भाजपा कार्यकर्ताओं को नागरवार गुजरी। आनन फानन में कार्यकर्ता विरोध करने सीधे थाने पहुंच गए। कार्यकर्ताओं के साथ कोटा से विधायक चंद्रकांता मेघवाल के पति नरेंद्र मेघवाल भी शामिल थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कहा सुनी हुई और हंगामा होने लगा, जिसके बाद पुलिस को सख्ती करनी पड़ी।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने बसपा को बहनजी सम्पत्ति पार्टी करार देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए उन्हें नेगेटिव दलित मैन बताया और कहा कि मोदी को दलितों द्वारा थोड़े-थोड़े आर्थिक सहयोग से अपने आंदोलन को बढ़ाया जाना अखर रहा है।
तमिलनाडु में ई पलानीसामी सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है। विधायकों द्वारा हंगामा, मार-पीट, कुर्सियां तोड़े जाने आदि की हरकतों और दो बाद सदन स्थगित होने के बीच हुए मतदान में पलानीसामी के पक्ष में 122 विधायकों ने वोट डाला। विधानसभा की सीटिंग व्यवस्था को छह खंडो में बांटकर एक-एक कर वोटिंग कराई गई।
आंध्र प्रदेश सरकार ने रोहित वेमुला की मां राधिका को कारण बताओ नोटिस भेजा है जिसमें उन्हें दो हफ्ते का समय दिया गया है कि वह साबित करें कि वह दलित हैं। गुंटूर के कलेक्टर ने रिपोर्ट के निष्कर्षों को रोहित वेमुला के परिवार को भेज दिया है और उन्हें नोटिस भी जारी किया है। कलेक्टर ने परिवार से पूछा है कि अगर दलित होने का प्रमाण नहीं मिला तो उनका प्रमाण-पत्र खारिज क्यों ना किया जाए।
अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद तमिलनाडु में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच उनके विश्वासपात्र ई के पलानीस्वामी को पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
तमिलनाडु में सरकार के गठन का कोई हल नजर न आने की मौजूदा स्थिति के बीच सत्ताधारी अन्नाद्रमुक ने कहा है कि उसके अधिकतर विधायकों का समर्थन महासचिव वी.के. शशिकला के पक्ष में है। इसके साथ ही अन्नाद्रमुक ने दावा किया कि राज्यपाल सी विद्यासागर राव द्वारा उन्हें बुलाए जाने की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अदालत की अवमानना का नोटिस मिलने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने सर्वोच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज को नोटिस थमाने के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। साथ ही उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाया है कि ऊंची जाति के जज, एक दलित जज से छुटकारा पाने के लिए अपने अधिकारों का नाजायज़ इस्तेमाल कर रहे हैं।