पुरानी कहावत है कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है और वह चीज यदि शराब हो तो फिर भगवान ही मालिक है। कहते हैं यह ऐसी शै है जो किसी को आपका सगा नहीं रहने देती, फिर चाहे आप शराब पीते हों या बेचते हों, कोई फर्क नहीं पड़ता। विजय माल्या इस देश में घर-घर पहचाना नाम हैं क्योंकि उनके पिता द्वारा बनाई गई और खुद उनके द्वारा बेहिसाब तरीके से फैलाई गई कंपनी ने इस देश में शराब के उत्पादन और बिक्री के अगले-पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले।
इन दिनों आम आदमी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। इस कड़ी में वरिष्ठ महिला पत्रकार चंदर सुता डोगरा आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गई हैं। बुधवार को डोगरा ने पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह, राष्ट्रीय संगठनात्मक सचिव दुर्गेश पाठक, पंजाब के कनवीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर और सांसद भगवंत मान की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी का दामन थामा।
भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने अपनी वेबसाइट www.vinaysahasrabuddhe.in लॉन्च की है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसे लोकार्पित किया।
दिल्ली फतह करने के बाद आम आदमी पार्टी के पास दूसरी अच्छी खबर पंजाब से ही आई थी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के चार सांसद पंजाब से जीतकर आए थे। अब वर्ष 2017 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी युद्धस्तर पर तैयारियां कर रही है।
सिनेमा को चाहने वाले इस साल दिग्गज फिल्मकार सत्यजित रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली के साठ साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। इसी बीच रे की भारत में कम और यूरोप-अमेरिका में ज्यादा सराही गई फिल्म अरण्येर दिन रात्रि पर एक डॉक्यूमेंट्री रिवाइविंग इमेजरी सामने आई है। पिछले दिनों रांची, झारखंड में इसका प्रीमियर हुआ।
भारत एक गरीब देश है जैसे निबंध रटने वाले बच्चों को अब यह बताना होगा कि भारत गरीब नहीं रह गया है। कारण? बॉलीवुड पर नजर डाल लें तो पता चलेगा कि भारत में इतना अनाप-शनाप पैसा हो गया है कि ‘ऑल इज वेल’ जैसी फिल्म बनाई जा सकती है।
भेजा फ्राय और भेजा फ्राय 2 बनाने वाले निर्देशक सागर बेल्लारी ने अपनी नई फिल्म पर काम शुरू कर दिया है। सागर फिल्मों में परिस्थितिजन्य हास्य गढ़ने के लिए जाने जाते हैं। उनकी फिल्मों में संवाद से ज्यादा कलाकारों के हावभाव दर्शकों को गुदगुदाते हैं।
वह एक हिंदू राजा की तरह अपनी पत्नी और बेटे के साथ बैठकर आंध्र की नई राजधानी के लिए भूमि पूजन कर रहे थे। वैदिक रीति से मंत्रोच्चार की गूंज चहुं दिशाओं में उठ रही थी। मुहूर्त का ध्यान पल-पल रखा जा रहा था। घड़ी ने जैसे ही सुबह के 8.49 मिनट बजाए, यह सब शुरू हो गया। बाकी तमाम साथी थोड़ी दूरी पर थे, क्यांेकि यह प्रक्रिया पति, पत्नी और बेटे (यहां राजा,रानी और राजकुमार पढ़ा जाए) द्वारा ही पूरी की जाने की बात शास्त्रों में लिखी है। बिल्कुल वैसा ही किया गया।
दिनेश पाठक चर्चित कथाकार हैं। सभी शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। कुछ कहानियों का अन्य भाषा में अनुवाद भी हुआ है। अब तक उनके नौ कथा संग्रह, दो उपन्यास और एक संपादित पुस्तक प्रकाशित हुई है। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में - शायद यह अंतहीन, धुंध भरा आकाश, जो गलत है, इन दिनों वे उदास हैं, रात के बाद, अपने ही लोग, पारुल दी, नस्ल और देखना एक दिन शामिल है।