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जन्मदिन विशेष: 51 रुपये से शुरु हुआ था गजल सम्राट पंकज उधास का सफर

जन्मदिन विशेष: 51 रुपये से शुरु हुआ था गजल सम्राट पंकज उधास का सफर

अपनी मखमली आवाज़ से दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज़ करने वाले ग़ज़ल गायक पंकज उधास का आज 66वां जन्मदिन है। पंकज का जन्म 17 मई 1951 गुजरात में राजकोट के पास जैतपुर के एक बीयर बनाने वाले परिवार में हुआ था। वे तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता का नाम केशूभाई उधास और मां का नाम जीतूबेन उधास है।
ईवीएम पर सर्वदलीय बैठकः विपक्ष बंटा नजर आया

ईवीएम पर सर्वदलीय बैठकः विपक्ष बंटा नजर आया

ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष बंटा नजर आया। ईवीएम से टेपरिंग की बात कर रहे सौरभ भारद्वाज अब वीवीपैट से चुनाव कराने की बात कर रहे हैं तो बसपा बैलेट पेपर से चुनाव के हक में हैं। जदयू के के सी त्यागी ने आयोग से चुनाव को लेकर विश्वास बहाल करने को कहा है। इस दौरान आयोग ने ईवीएम से सिक्योरिटी फीचर को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया।
ईवीएम पर हुई सर्वदलीय बैठक की पांच अहम बातें

ईवीएम पर हुई सर्वदलीय बैठक की पांच अहम बातें

चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। 16 विपक्षी पार्टियों की तरफ से ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाने के बाद आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया था।
ईवीएम के मुद्दें पर 12 मई को सर्वदलीय बैठक बुलाएगा चुनाव आयोग

ईवीएम के मुद्दें पर 12 मई को सर्वदलीय बैठक बुलाएगा चुनाव आयोग

ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने इसके लिए 12 मई की तारीख निश्चित की है।
पीएसी बैठक में कुमार विश्वास ने केजरीवाल के सामने रखीं तीन शर्तें

पीएसी बैठक में कुमार विश्वास ने केजरीवाल के सामने रखीं तीन शर्तें

आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहे कुमार विश्वास के मान-मनौव्वल का दोर जारी है। विश्वास को मनाने के लिए अरविंद केजरीवाल औऱ मनीष सिसोदिया कल देर रात तक कोशिश करते रहे।
जन्‍मदिन विशेष: चोटों से उबर जाते तो नेहरा देश के होते सबसे घातक गेंदबाज

जन्‍मदिन विशेष: चोटों से उबर जाते तो नेहरा देश के होते सबसे घातक गेंदबाज

तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को समय समय पर इंजरी नहीं होती तो वह देश के सबसे घातक गेंदबाज हो सकते थे। उनकी गति और स्विंग को देखते हुए बल्‍लेबाज उन्‍हें हमेशा सतर्क होकर खेलते हैं।
एमसीडी में हार के बाद ‘आप’ में इस्तीफों की झड़ी, केजरीवाल ने बुलाई बैठक

एमसीडी में हार के बाद ‘आप’ में इस्तीफों की झड़ी, केजरीवाल ने बुलाई बैठक

दिल्ली नगर निगम में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल के बेहद करीबी माने जाने वाले संजय सिंह सहित आशीष तलवार और दुर्गेश पाठक ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफे दे दिए हैं।
'श्रीनिवासन नहीं कर सकते आईसीसी में बीसीसीआई की नुमाइंदगी'

'श्रीनिवासन नहीं कर सकते आईसीसी में बीसीसीआई की नुमाइंदगी'

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन अगले सप्ताह होने वाली आईसीसी की बैठक में बोर्ड का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें पहले ही हितों के टकराव का दोषी पाया जा चुका है। शीर्ष अदालत ने बोर्ड के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी को 24 अप्रैल को होने वाली आईसीसी की बैठक में बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दे दी है। न्यायालय ने निर्देश दिया कि उनके साथ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी जायेंगे।
पीएम मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा, हनुमान जी की तरह काम करें

पीएम मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा, हनुमान जी की तरह काम करें

पीएम नरेंद्र मोदी ने हनुमान जयंती के दिन मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में सांसदों से कहा कि वे भक्‍त प्रवर हनुमान जी की तरह कार्य के लिए हमेशा तत्‍पर रहें।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।