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Search Result : "विश्‍लेषकों की राय"

विशेषज्ञों की राय, एक साथ चुनाव से राष्ट्रीय पार्टियों को होगा फायदा

विशेषज्ञों की राय, एक साथ चुनाव से राष्ट्रीय पार्टियों को होगा फायदा

विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने से राष्ट्रीय पार्टियों को लाभ होगा लेकिन छोटे क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका गौण होगी जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

'अच्‍छे‍े‍ दिन':भारत में बिजनेस आसान नहीं,विश्‍व बैंक ने दिया130वांं स्‍थान

विश्‍व बैंक की रिपोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार के विकास के दावों पर गहरी चोट पहुंचाई है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि भारत कारोबार करने में आसान देशों की रैकिंग में 130 वें पायदान पर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में कारोबार करना कितना कठिन है। पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में हालांकि एक पायदान का सुधार हुआ है, लेकिन वो भी इसलिए क्योंकि विश्‍व बैंक ने भारत की पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 130 वें स्थान से 131वें स्थान पर कर दिया। इसे मानने की बजाय केंद्र की मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग ने राजनीतिक दलों से मांगी राय

समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग ने राजनीतिक दलों से मांगी राय

समान नागरिक संहिता के विवादास्पद मुद्दे पर विचार विमर्श के दायरे का विस्तार करते हुए विधि आयोग ने सभी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से अपनी राय साझा करने का आह्वान किया है। साथ ही आयोग ने इस विषय पर संवाद के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को निमंत्रित करने की योजना भी बनाई है।
राहुल की आलोचना : विधायक बोले हटा दो मुझे पर गधे को घोड़ा नहीं कहूंगा

राहुल की आलोचना : विधायक बोले हटा दो मुझे पर गधे को घोड़ा नहीं कहूंगा

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी और छत्‍तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के कामकाज की आलोचना करके चर्चा में आए गुंडरदेही के विधायक आरके राय अब पूरी तरह खुलकर सामने आ गए हैं। उन्‍होंने साफ कहा है कि पार्टी आलाकमान मुझे निकाल दे इसका मुझे डर नहीं लेकिन मैं गधे को घोड़ा कभी नहीं कहूंगा।
अच्‍छे दिन :  देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

अच्‍छे दिन : देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

देश में भले ही जोर-शोर से कहा जा रहा हो कि हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन विश्‍व मंंच में भारत की स्थिति कोई बेहतर नहीं कही जा सकती। वाशिंगटन ‌‌स्थित इंटरनेशनल फूड पालिसी रिसर्च इंस्टिच्यूट (आईएफपीआरआई) की एक रिपोर्ट में भारत भूखे देशों की सूची में शुुमार है।
आतंक की तरह कर्ज बुरा या अच्छा

आतंक की तरह कर्ज बुरा या अच्छा

भारतीय बैंक दोधारी तलवार पर चल रहे हैं। कर्ज दिए बिना न वे सफल हो सकते हैं और न ही बड़े पैमाने पर उद्योग-व्यापार बढ़ सकते हैं। दूसरी तरफ कर्ज लेकर करोड़ों रुपया हजम कर जाने पर उनकी जिम्मेदारी भी फिक्स हो रही है।
उत्‍तर पुस्तिका में फिल्मों के नाम व कविताएं लिखी थी बिहार की टाॅपर रूबी राय

उत्‍तर पुस्तिका में फिल्मों के नाम व कविताएं लिखी थी बिहार की टाॅपर रूबी राय

बिहार की बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाली रूबी राय ने आंसरशीट में सिर्फ फिल्मों के नाम लिखे थे। उसने एक अन्य उत्तरपुस्तिका में कवि तुलसीदास का नाम 100 से भी ज़्यादा बार लिख आई थी। कुछ अन्य में रूबी ने कविताएं लिखी थीं। इन उत्तरपुस्तिकाओं को बाद में 'विशेषज्ञों' द्वारा लिखी हुई उत्तरपुस्तिकाओं से बदल दिया गया था।
ऑटोमेशन से भारत में 69 प्रतिशत रोजगार को खतरा : विश्वबैंक

ऑटोमेशन से भारत में 69 प्रतिशत रोजगार को खतरा : विश्वबैंक

स्वचालन :आॅटोमेशन: के बढ़ते उपयोग से बड़े पैमाने पर रोजगार जा सकते हैं। विश्वबैंक की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत में 69 प्रतिशत और चीन में 77 प्रतिशत रोजगार को खतरा है। इसमें कहा गया है कि विकासशील देशों में प्रौद्योगिकी परंपरागत आर्थिक रास्ते के प्रतिरूप को बुनियादी रूप से बाधित कर सकती हैं।
साल 2015-16 : जेएनयू में यौन उत्‍पीड़न के रिकार्ड 39 मामले

साल 2015-16 : जेएनयू में यौन उत्‍पीड़न के रिकार्ड 39 मामले

हाल के महीनों में विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में साल 2015-2016 के दौरान यौन उत्पीड़न की 39 शिकायतें दर्ज की गई। जो कि विश्वविद्यालय के रिकार्ड में सबसे अधिक है। विश्वविद्यालय को 2014-2015 के दौरान यौन उत्पीड़न की 26 शिकायतें मिली थीं जबकि 2013-2014 के दौरान यह संख्या 25 थी।
शहाबु की जमानत पर फैसला कल आएगा

शहाबु की जमानत पर फैसला कल आएगा

हत्या के एक मामले में शहाबुद्दीन को पटना उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली अपीलों पर उच्चतम न्यायालय ने आज अपना फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति पी.सी. घोष और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने अपना आदेश कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया। इससे पहले शहाबुद्दीन तथा अन्य लोगों की ओर से पेश हुए वकीलों ने मामले में अपनी-अपनी दलीलें पीठ के समक्ष रखीं।
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