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Search Result : "विश्‍व हिंदू परिषद"

मैं न हिंदू समर्थक हूं न इंसान विरोधी- भगवान सिंह

मैं न हिंदू समर्थक हूं न इंसान विरोधी- भगवान सिंह

संस्‍थापक पं. जगतराम आर्य की जयंती/स्‍थापना-दिवस पर हुई किताबघर प्रकाशन की संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपना देश और मीडिया विषय पर जोरदार बहस की। ‘सवाल’ को ले कर ‘हल्का बवाल’ भी हुआ। पांडुलिपि पर दिया जाने वाला आर्य स्मृति सम्मान इस बार नहीं दिया जा सका।
'देश में हिंदू दस बच्चे पैदा करें, चिंता न करें बच्चों को पाल लेगा भगवान'

'देश में हिंदू दस बच्चे पैदा करें, चिंता न करें बच्चों को पाल लेगा भगवान'

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने हिंदुओं से आह्वान किया कि वे दस बच्चे पैदा करें और अपने समुदाय की संख्या को बढ़ाएं। नागपुर में आरएसएस के समर्थन से संपन्न तीन दिवसीय धर्म संस्कृति महाकुंभ में संत समाज ने एक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाने और गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने का भी आह्वान किया। इस दौरान मंच पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित थे।
नोटबंदी से गरीबों के हितों को चोट : तोगड़िया

नोटबंदी से गरीबों के हितों को चोट : तोगड़िया

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा है कि नोटबंदी से गरीबों के हितों को भारी चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि गरीबों की पहुंच अभी तक डिजिटल दुनिया तक नही हुई है।
भारतीय टीम ने 15 साल बाद जूनियर वर्ल्‍ड कप हॉकी का खिताब जीता

भारतीय टीम ने 15 साल बाद जूनियर वर्ल्‍ड कप हॉकी का खिताब जीता

खचाखच भरे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर चारों ओर से आते इंडिया इंडिया के शोर के बीच भारत ने आज बेहतरीन हाकी का नमूना पेश करते हुए बेल्जियम को 2-1 से हराकर जूनियर हाकी विश्व कप अपने नाम करने के साथ इतिहास पुस्तिका में नाम दर्ज करा लिया।
‘दुनिया में सबसे कम पढ़े-लिखे हैं हिंदू’

‘दुनिया में सबसे कम पढ़े-लिखे हैं हिंदू’

प्‍यू रिसर्च सेंटर के ताजा सर्वे में कहा गया है कि दुनिया के बड़े धार्मिक समुदायों में से हिंदुओं की शिक्षा हासिल करने का स्तर सबसे कम है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार हाल के दशक में काफी शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद हिंदू सबसे कम पढ़े-लिखे हैं।
विजन केयर तक पहुंच बनाने के लिए ग्रामीण उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहन

विजन केयर तक पहुंच बनाने के लिए ग्रामीण उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहन

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन(डब्‍ल्‍यूएचओ) के अध्‍ययन ने साबित कर दिया है कि मोतियाबिंद के बाद अनकरेक्‍टेड रिफ्रैक्टिव एरर (यूआरई) दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो विकासशील देशों मेंअंधेपन का कारण है। यूआरई आंखों की बीमारी का सबसे प्रचलित रूप है। यह तब होता है जब आंखें किसी खास तस्‍वीर पर फोकस नहीं कर पाती हैं। यूआरई की वजह से दृष्टि धुंधली हो जाती है और कभी-कभार इतनी गंभीर हो जाती है कि बुरी तरह प्रभावित हो जाती है।
भारत के हेल्‍थ सेक्‍टर में अधिक निवेश होगा तभी विकास बरकरार रहेगा : डब्ल्यूएचओ

भारत के हेल्‍थ सेक्‍टर में अधिक निवेश होगा तभी विकास बरकरार रहेगा : डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भारत को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में और अधिक निवेश करना चाहिए तथा अवसंरचना एवं मानव संसाधन समेत सभी पहलुओं पर गौर करते हुए त्वरित स्वास्थ्य आपूर्ति प्रणाली का निर्माण करना चाहिए। इसमें ग्रामीण इलाकों पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
बांग्लादेशी हिंदुओं ने व्हाइट हाउस के सामने किया विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेशी हिंदुओं ने व्हाइट हाउस के सामने किया विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेशी हिंदुओं ने अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा से यह अपील करने के लिए व्हाइट हाउस के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया कि वह मुस्लिम बहुल देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को समाप्त करने और अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में मदद करें।
मनमोहन बोले, नोटबंदी का फैसला मौलिक कर्त्‍तव्‍य का उपहास

मनमोहन बोले, नोटबंदी का फैसला मौलिक कर्त्‍तव्‍य का उपहास

पीएम मोदी के कालेधन के खिलाफ नोटबंदी के फैसले पर अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी के प्रतिष्ठित दैनिक 'द हिंदू' में बड़ी ही बेबाकी से विचार रखे हैं। मनमोहन सिंह ने अपने संपादकीय लेख में कहा, ऐसा कहा जाता है, 'पैसा एक विचार है जो आत्मविश्वास को प्रेरित करता है।' लेकिन 8 नवंबर को एक झटके ने करीब 125 करोड़ लोगों के विश्वास को बर्बाद कर रख दिया है। इस फैसले के चलते एक रात में ही 500 और 1000 रुपये के रूप में मौजूद देश की 85 फीसदी मुद्रा बेकार हो गई।
हाल-ए-नोटबंदी : विश्‍व बाजार में रुपये की विश्‍वसनीयता गिरी

हाल-ए-नोटबंदी : विश्‍व बाजार में रुपये की विश्‍वसनीयता गिरी

देश में नोटबंदी करने के बाद भारतीय मुद्रा रुपये की विश्वसनीयता विश्व बाजार में गिरी है। नेपाल, भूटान, दुबई, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका सहित विश्‍व के कई देशों में रुपये को शक-सुबहे की दृष्‍टि से देखा जा रहा है। इससे फ्री ट्रेडिंग में भारतीय रुपये को खर्च करने में लोगों को दिक्कत आ रही है।
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