चुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लड़ने-लड़ाने वालों को छोड़कर सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे हैं। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर होता है। उसे अमेरिकी चुनाव की भी अंदरुनी जानकारी होती है तो यह कैसे कह सकते हैं कि बिहार में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
तुर्की जलक्षेत्र में डूबे सीरियाई बच्चे की भयावह तस्वीरों ने पूरी दुनिया में लोगों की संवेदनाओं को झकझोर दिया है। तट पर मृत पड़े मिले तीन वर्षीय आयलान कुर्दी की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल होने के साथ ही यूरोप में शरणार्थी संकट पर बहस तेज छिड़ गई है। दुनिया भर में इस संकट की चर्चा हो रही है। यह बच्चा अपने परिवार के साथ नौका में सवार होकर यूनान जा रहा था लेकिन नौका बीच में ही डूब गई। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से यह अब तक का सबसे भीषण शरणार्थी संकट बताया जा रहा है।
सलमान चाहें तो सन 2015 को मुकदमे वर्ष के रूप में मना सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने के लिए उनके पास पर्याप्त कारण हैं। मुकदमे तो उन पर बहुत से हैं, पुराने भी हैं पर इस बार वह जितनी बार अदालत गए, पेशी के लिए समय निकाला उतनी बार वह कभी अदालत नहीं गए।
सोशल मीडिया ही नहीं मुख्यधारा के मीडिया में भी कई पुरानी तस्वीरों को म्यांमार सीमा पर हुई सैन्य कार्रवाई की तस्वीरों के तौर प्रचारित किया जा रहा था। लेकिन इन कोशिशों की पोल जल्द ही खुल गई।
सांघवी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक रहस्य करार दिया है। लेखक ने लिखा है, वह बेहद निजी जीवन से निकलकर कांग्रेस को उबारने के लिए आई थीं और दो चुनावों, 2004 एवं 2009, में कांग्रेस की जीत की अगुवाई की। जब यह सब कुछ हो रहा था तो वह कहां थीं? उनका राजनीतिक सहज ज्ञान कहां था? क्या उन्हें यह नहीं दिख रहा था कि कांग्रेस विनाश की ओर बढ़ रही है ? लेखक कहते हैं, इन सवालों का जवाब वास्तव में कोई नहीं जानता है।