Advertisement

Search Result : "वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद"

प्रेस काउंसिल के अधिकारों पर सरकार और संस्था के बीच तनातनी

प्रेस काउंसिल के अधिकारों पर सरकार और संस्था के बीच तनातनी

भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की ओर से केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी करने का फैसला किए जाने के बाद परिषद और केंद्र सरकार के बीच तनातनी की स्थिति पैदा हो गई है। पीसीआई ने 13 अप्रैल को यह वारंट तब जारी किया जब कई बार समन जारी होने के बाद भी प्रसारण सचिव अरोड़ा संस्था के समक्ष पेश नहीं हुए।
प्रेस काउंसिल ने सूचना प्रसारण सचिव के खिलाफ जारी किया वारंट

प्रेस काउंसिल ने सूचना प्रसारण सचिव के खिलाफ जारी किया वारंट

भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। पीसीआई ने यह कदम अपने समन पर सोमवार को उनके उपस्थित नहीं होने पर उठाया है।
कोहिनूर हीरे का भारत लौटना मुश्किल, सालों पुराना कानून बना अड़चन

कोहिनूर हीरे का भारत लौटना मुश्किल, सालों पुराना कानून बना अड़चन

आज से 43 साल पुराने कानून का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा है कि भारत कोहिनूर हीरे को वापस प्राप्त नहीं कर सकता है। इस नियम के तहत उन प्राचीन वस्तुओं को वापस लाने की अनुमति नहीं है, जो आजादी से पहले देश से बाहर ले जाई जा चुकी हैं।
चीन-पाक गठजोड़ भारत के लिए खतरनाक

चीन-पाक गठजोड़ भारत के लिए खतरनाक

भारत कुछ समय से विश्व के नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश कर रहा है और काफी हद तक वह इसमें सफल भी रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मीटिंग के दौरान जिस तरह से आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व के नेताओं को एकजुट करके उनसे एक साथ मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करने का आश्वासन मिला वह काबिले तारीफ है।
कर्नाटक: फिर लीक हुआ 12वीं का केमिस्ट्री का पेपर, 40 लोग सस्पेंड

कर्नाटक: फिर लीक हुआ 12वीं का केमिस्ट्री का पेपर, 40 लोग सस्पेंड

कर्नाटक में गुरूवार को दस दिनों में दूसरी बार 12 वीं कक्षा के रसायन शास्त्र का प्रश्नपत्र लीक हो गया जिसके कारण परीक्षा को रद्द करने पर बाध्य होना पड़ा। प्रश्नपत्र लीक होने और परिक्षा रद्द किए जाने से नाराज छात्रों और उनके अभिभावकों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया।
लाहौर में बम धमाका, 50 से अधिक मरे

लाहौर में बम धमाका, 50 से अधिक मरे

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर के एक भीड़-भाड़ वाले पार्क में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट किया जिसमें बच्चों समेत कम से कम 53 लोगों के मारे जाने की सूचना है।
वोट बैंकों का एनपीए

वोट बैंकों का एनपीए

आधुनिक लाइफस्टाइल में देश के हर छोटे-बड़े परिवार में बुजुर्गों को एनपीए समझा जाने लगा है
बंगाल और असम में असंतुष्टों का क्षोभ उमड़ा

बंगाल और असम में असंतुष्टों का क्षोभ उमड़ा

बंगाल और असम में विधानसभा सीटों पर गठबंधन कर रही पार्टियों के बीच आपसी खींचतान सड़क पर आने लगी है। पार्टियों में नाराज असंतुष्ट भी खुलकर रोष जताने लगे हैं। कोलकाता में नाराज माकपा कैडरों ने दो इलाकों में जोनल कमेटी के दफ्तरों समेत 40 कार्यालयों पर ताला जड़ दिया। असंतोष थामने की कोशिश में राजनीतिक दलों के शीर्षस्थ नेताओं के पसीने छूटने लगे हैं। बंगाल में वाममोर्चा और कांग्रेस के बीच सीट समझौते को लेकर असंतुष्ट माकपा कैडर सड़क पर उतरने लगे हैं। अनुशासित मानी जाने वाली माकपा के कोलकाता स्थित मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन का दौर-दौरा शुरू हो गया है। इसी तरह असम में भाजपा, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ता खुलकर असंतोष जताने लगे हैं।
'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
Advertisement
Advertisement
Advertisement