सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़े एक मामले में अपना अहम फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सभी छात्रों को राहत देने से इंकार कर दिया है। शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार करते हुए सामूहिक नकल के दोषी करीब 600 छात्रों के दाखिले रद्द कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि सामूहिक नकल के दोषी इन छात्रों को राहत दी जाए या नहीं।
मध्य प्रदेश का व्यापमं महाघोटाला देश के शिक्षा जगत में सबसे बड़े घोटालों की जमात में शामिल हो सकता है। मामले की सीबीआई जांच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन इस घोटाले ने 2000 से ज्यादा छात्रों का भविष्य चौपट कर दिया है। घोटाले के आरोप में फंसे नेता और अफसर सब धीरे-धीरे जेल से बाहर आ गए, लेकिन इसमें फंसे छात्र अभी तक कैरियर को लेकर सदमे से उबर नहीं पाए हैं। तीन साल पहले घोटाला सामने आया था। छात्र अभी भी सकते में हैं।
सीबीआई ने व्यापमं महाघोटाले को अपने हाथ में लेने के बाद पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश में इससे जुड़े लोगों के 40 ठिकानों सहित व्यापमं दफ्तर पर छापे की कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश की राजनीति में व्यापमं सुर्खियों में आ गया है। अगले महीने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले व्यापमं मामले में सीबीआई छापे से भाजपा को परेशानी हो सकती है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर पार्टी के अंदर खलबली मचा दी है। शाह को लिखी चिट्ठी मेे शांता कुमार ने व्यापमं घोटाले को लेकर सवाल उठाए हैं।
मध्यप्रदेश में भाजपा के महाजनसंपर्क अभियान की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भोपाल हैं। पिछले दो दिन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी भोपाल में हैं। लेकिन इस दौरान अमित शाह ने मीडिया से कोई बात नहीं की। व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की मौत और सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश जैसे मुद्दों पर अमित शाह चुप्पी साधे हुए हैं। हाला के दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है कि भोपाल आने के बाद अमित शाह मीडिया से इतनी दूरी बनाए हुए हैं।
व्यापमं की जांच आखिरकार सीबीआई के पास पहुंच गई। अब तक करीब 45 जानों की लील चुके इस घोटाले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित राज्यपाल तक घिरे हैं। पिछले कुछ दिनों में जिस तेजी से घटनाक्रम बदला है, उससे साफ है कि मध्यप्रदेश की सियासत में भारी उथल-पुथल होनी है।
अब व्यापमं के जरिये भर्ती हुई एक ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर की कथित खुदकुशी का मामला सामने आया है। हालांकि, पुलिस इस मामले को पति के साथ अनबन से जोड़कर देख रही है। लेकिन पिछले तीन दिनों के अंदर व्यापमं से जुड़ी इस तीसरी मौत ने मध्य प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौतों पर सफाई देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर मौत को व्यापमं से जोड़कर देखना ठीक नहीं है।