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अमेरिका: पूर्व विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल ने ट्रंप को बताया राष्ट्रीय शर्म

अमेरिका: पूर्व विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल ने ट्रंप को बताया राष्ट्रीय शर्म

अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रीय शर्म और अंतरराष्ट्रीय तौर पर अस्पृश्य व्यक्ति बताते हुए कहा है कि वह खुद को तबाह करने की राह पर चल रहे हैं।
‘प्रधानमंत्री जी आपने हमारा सर शर्म से झुका दिया’

‘प्रधानमंत्री जी आपने हमारा सर शर्म से झुका दिया’

‘अस्सी फीसदी गोरक्षकों को फर्जी बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मैं पूछना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री जी आप ये आंकड़े कहां से लेकर आए? क्यों आपने गोरक्षकों को अपराधी और फर्जी बताया? प्रधानमंत्री जी आपकी वजह से हमारा सर शर्म से झुक गया है। गोरक्षकों को फर्जी बताने वाले आंकड़े के आधार को सार्वजनिक किया जाए।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए यह बात विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष ड़ॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कही।
मियांदाद ने अफरीदी से कहा, शर्म करो

मियांदाद ने अफरीदी से कहा, शर्म करो

शाहिद अफरीदी की टिप्पणी से आहत और हैरान पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने कहा कि इस तरह के बयान देने वाले खिलाड़ियों को खुद पर शर्म आनी चाहिए। अफरीदी ने कहा था कि पाकिस्तानी क्रिकेटरों को यहां से कहीं ज्यादा भारतीय दर्शकों से प्यार मिलता है। मियांदाद ने आज टीवी चैनल से कहा, इन क्रिकेटरों को इस तरह की चीज कहने से पहले खुद पर शर्म करनी चाहिए। शर्म करो।
एडमिरल रामदास का मोदी को खुला खत, 'मेरा सिर शर्म से झुक गया'

एडमिरल रामदास का मोदी को खुला खत, 'मेरा सिर शर्म से झुक गया'

पूर्व नेवी चीफ एडमिरल एल. रामदास ने देश में दलितों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अौर राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी को खुला खत लिखा है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ और इससे जुड़े संगठन हिंदू राष्‍ट्र बनाने के लिए सुनियोजित अभियान चला रहे हैं। रामदास ने मौजूदा माहौल के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
शर्म से लाल हुईं कैटरीना

शर्म से लाल हुईं कैटरीना

कोई कैटरीना को कितना भी बोल्ड समझे मगर सच्चाई तो यह है कि कैटरीना को भी बोल्ड सीन करने में मशक्त करनी पड़ी है। आदित्य रॉय कपूर के साथ यह उनकी पहली ही फिल्म है। पहली ही फिल्म में ऐसे बोल्ड सीन के लिए वह शायद मानसिक रूप से तैयारी ही नहीं थीं
शांति के पासे फेंकने की जरूरत

शांति के पासे फेंकने की जरूरत

निर्मला देशपांडे की पाकिस्तान में बरसी से उठी ये सदाएं मनमोहन सिंह पहुंची या यह उनकी अंत: प्रेरणा थी अथवा अमेरिकी उत्प्रेरणा, जैसा कि कुछ लोग विश्‍वास करना चाहते हैं, शर्म अल शेख के संयुक्त वक्तव्य में ब्लूचिस्तान के जिक्र के लिए राजी होकर और भारत-पाक समग्र वार्ता के लिए भारत में आतंकवादी हमले रोकने की पूर्व शर्त को ढीला करके भारतीय प्रधानमंत्री ने शांति के लिए एक जुआ खेला है। मुंबई हमले के बाद दबाव की कूटनीति से भारत को जो हासिल होना था वह हो चुका और पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकतंत्र के खिलाफ अपेक्षया गंभीर कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ा। दबाव की कूटनीति की एक सीमा होती है और विनाशकारी परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं हैं। इसलिए वार्ता की कूटनीति के लिए जमीन तैयार करने की जरूरत थी। ब्लूचिस्तान के जिक्र को भी थोड़ा अलग ढंग से देखना चाहिए।
राज न विचारे, न शर्म करे

राज न विचारे, न शर्म करे

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अहम घटक शिवसेना के राजन विचारे सहित 11 सांसदों की आक्रामक भीड़ सत्ता के दंभ, अपने से निम्न वर्ग के प्रति हिकारत और सांप्रदायिक दुर्भाव से ग्रस्त होकर राजधानी दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में भोजन व्यवस्था के लिए नियुक्त रेलवे की खानपान सेवा आईआरसीटीसी के कर्मचारी अरशद जुबैर के मुंह में जबरदस्ती रोटी ठूंस कर बेवक्त उसका रोजा तोडऩे की नापाक करतूत को अंजाम देते हुए कैमरे की फुटेज में रंगे हाथों कैद हैं।
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