वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा पेश वार्षिक बजट को भविष्योन्मुखी बताते हुए उद्योग संगठनों का कहना है कि यह पिछले तीन सालों में किए गए आर्थिक सुधारों पर आधारित बजट है।
केंद्रीय बजट में कृषि एवं किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने का उल्लेख करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस बार के बजट से यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो गयी कि मोदी सरकार गांव, गरीब और किसानों के लिए काम कर रही है और कृषि विकास दर बढ़कर 4.1 प्रतिशत होने का अनुमान और पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
केंद्रीय बजट में विदेश मंत्रालय को 14,798 करोड़ रूपया दिया गया जो पिछले साल की तुलना में महज 135 करोड़ रूपये का इजाफा है। वहीं, अफगानिस्तान में परियोजनाओं के लिए भारी कटौती करते हुए बजटीय आवंटन 520 करोड़ रूपया से घटाकर 350 करोड़ रूपया कर दिया गया।
व्यक्तिगत आयकरः 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
व्यक्तिगत आयकर की दर 2.5 लाख से 5 लाख की कर दर 5 फीसदी, पहले यह 10 फीसदी थी
पांच लाख तक आय वाले लोगों के लिए एक पेज का आयकर रिटर्न
रोजगार सृजन के संदर्भ में कौशल विकास पर जोर देते हुए आज पेश बजट में कौशल केंद्रों को मौजूदा 60 जिलों से बढ़ाकर देशभर के 600 जिलों में शुरू करने की घोषणा की गई।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2017-18 प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों की कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन पर विशेष महत्व दे रही है।
महिला एंव बाल विकास मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं योजना के अंतर्गत नकद प्रोत्साहन का कोई प्रावधान नहीं है। मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ अनधिकृत वेब साइट, संगठन, स्वंयसेवी संगठन और व्यक्ति बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत नकद प्रोत्साहन के नाम पर प्रपत्र वितरित कर रहे हैं।
नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: वृद्धि अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 6 प्रतिशत रह सकती है जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह और धीमी पड़कर 5.7 प्रतिशत रह सकती है। नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।
केन्द्र सरकार ने जिस तरह से देश में एलईडी बल्ब लगाकर बिजली क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरूआत की थी, अब उसी तर्ज पर स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को इसके लिए देश के इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर को तैयार रहने के लिए कहा है।
कर्ज के बोझ के तले दबे किसानों की व्यथा, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझते उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के लोगों की समस्याएं खबरों की सुर्खियां तो जरूर बनती हैं लेकिन चुनावी मुद्दा नहीं बन पातीं और अब सवाल यह है कि राजनीतिक दलों के लिए अंतत: जीत के जातिगत समीकरण का फार्मूला क्या विकास की शक्ल ले पायेगा।