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अक्षय ने शहीद के परिजनों की मदद के लिए देश से की अपील

अक्षय ने शहीद के परिजनों की मदद के लिए देश से की अपील

शहीद जवान के परिवार की मदद के लिए आगे आने वाले बॉलिवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने एक बार फिर देश के लोगों से सुकमा नक्सली हमले में शहीद जवानों के परिवारों की मदद करने की अपील की है। 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद हो गए थे।
दिल्ली की जीत सुकमा के शहीदों को समर्पित, मोदी ने जनता को दिया धन्यवाद

दिल्ली की जीत सुकमा के शहीदों को समर्पित, मोदी ने जनता को दिया धन्यवाद

दिल्ली नगर निगम चुनाव में सुनहरी जीत हासिल करने वाली भाजपा ने जीत का जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है। सुकमा में सोमवार को हुए नक्सली हमले में 26 जवानों की शहादत के बाद भाजपा ने ये फैसला किया है। एमसीडी चुनावों में शानदार विजय दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।
सुकमा नक्सली हमला: धारदार हथियारों से नक्सलियों ने काटे जवानों के गुप्तांग

सुकमा नक्सली हमला: धारदार हथियारों से नक्सलियों ने काटे जवानों के गुप्तांग

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सली हमले में शहीदों के शवों के साथ दिल दहला देने वाली बर्ताव की बात सामने आई है। जानकारी के मुताबिक नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए करीब 6 जवानों के गुप्तांगों को नक्सलियों द्वारा काट दिया गया।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमला, सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमला, सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें 25 जवान शहीद हो गए। शहीद हुए सभी जवान सीआरपीएफ 74 बटालियन के थे। नक्सलियों ने जवानों के हथियार भी लूट लिए। हमले के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन रमन सिंह अपना दिल्ली का दौरा बीच में ही छोड़कर रायपुर के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने आपात बैठक भी बुलाई है।
अश्विन बोले, 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस घोषित कर देना चाहिये

अश्विन बोले, 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस घोषित कर देना चाहिये

क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर 24 अप्रैल को 44 बरस के हो गए और दुनिया भर से उन्हें बधाई का सिलसिला जारी रहा। तेंदुलकर की पूर्व आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस सोमवार शाम उनके जन्मदिन का जश्न मनायेगी।
स्‍वच्‍छ भारत के शहीद: हरियाणा में सीवर में 3 की मौत

स्‍वच्‍छ भारत के शहीद: हरियाणा में सीवर में 3 की मौत

सोनीपत में सफाई के लिए सीवर में उतरे तीन मजदूरों की सोमवार को मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि समय पर चिकित्‍सा नहीं मिलने की वजह से मौत हुई। आक्रोशित परिजनों ने हादसे के बाद नेशनल हाइवे को जाम कर दिया।
शहीदों के परिजनों को अब ऑनलाइन दान की मदद

शहीदों के परिजनों को अब ऑनलाइन दान की मदद

अर्द्धसैनिक बल के जवानों की शहादत के बाद उनके परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए अब ऑनलाइन दान दिया जा सकेगा। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित अक्षय कुमार रविवार को ‘भारत के वीर’ नामक पोर्टल और मोबाइल एप की शुरुआत करेंगे। अक्षय कुमार के सुझावों के बाद गृह मंत्रालय ने हाल ही में यह वेबसाइट और एप तैयार किया है। अक्षय ने सरकार को परामर्श दिया था कि सीमा या आंतरिक सुरक्षा में तैनाती के दौरान शहीद हुए सशस्त्र बल के जवानों का ऑनलाइन ब्यौरा सार्वजनिक होना चाहिए। जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति शहीद जवान के परिवार को मदद कर सके।
‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
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