बुलंदशहर जिले के सोही गांव के मुस्लिम हिंदू युवा वाहिनी के डर से अपना पुश्तैनी गांव छोड़ने के भय में जी रहे हैं। इस गांव में महज 4-5 मुस्लिम परिवार हैं, जिनमें से एक परिवार के सबसे बड़े 55 वर्षीय गुलाम अहमद की हत्या का आरोप हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों पर लगा हैं।
नोटबंदी के कारण श्रमिकों को समय पर वेतन नहीं मिल पाने के कारण ठाणे के वागले इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थित एक कारखाने में कथित तौर पर विरोध करने और तोड़-फोड़ करने पर तीन श्रमिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली की एक संस्था ने देश में रोजगारों के अवसर पर किए गए अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि साल 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे। अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा नए रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं होने औप पूराने अवसरों के समाप्त होते जाने की वजह से होगा।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का दावा है कि उसने देश के 17 राज्यों में सर्वेक्षण कराया है और पाया है कि मुसलमानों और इसाइयों के दबाव के चलते हिंदू अपना घर-बार और संपत्ति छोड़कर पलायन कर रहे हैं। इस साल पहली जुलाई को विहिप ने सर्वेक्षण शुरू कराने का ऐलान किया था और एक महीने में बंगाल में यह काम पूरा कर लेने का दावा किया है। विहिप नेताओं के अनुसार, हर गांव, हर शहर और कस्बे के गली-मोहल्लों में सर्वेक्षण किया गया है। सर्वेक्षण के आंकड़ें शनिवार को कोलकाता में जारी किए जाएंगे। विहिप ने हिंदुओं के पलायन के मद्देनजर सरकार से आयोग बनाने की मांग की है।
देश की दस बड़ी ट्रेड यूनियन आज हड़ताल पर हैं। इससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। इस राष्टृव्यापी हड़ताल से निपटने के लिए सरकार ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि वह लोगों को असुविधा से बचाने के लिए कड़े कदम उठाए।
देश के 10 प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का चार राज्यों में व्यापक असर पड़ा है। केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल, बिहार और झारखंड में हड़ताल के चलते बैंकिंग, औद्योगिक, वाणिज्यिक और परिवहन सेवाओं पर असर देखा गया। बैंकिंग सेवाएं तो देश भर में प्रभावित हुई हैं। राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में सेवाएं सामान्य रहीं। महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में हड़ताल की अपील का मिला-जुला असर दिखा। राष्ट्रीयकृत बैंक बंद रहे। प्राइवेट बैंक कहीं खुले रहे, कहीं बंद।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने सोमवार को कहा कि भारत जी-20 की बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों खासकर पेशेवर कर्मचारियों की आवाजाही के मुद्दे के अलावा जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा।
कैरान से उठा हिंदुओं के पलायन का मसला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस विवाद को समय समय पर हवा मिलती जा रही है। राजनीतिक नेताओं के बाद अब आएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि आज के समय में विस्थापन की खबरें ‘‘दुखदायी और परेशान करने वाली’’ हैं। भागवन ने कहा कि हिंदुओं के पलायन को रोकने की जिम्मेदारी वहां के शासन की है।