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विख्यात संगीत निर्देशक एम एस विश्वनाथन का  निधन

विख्यात संगीत निर्देशक एम एस विश्वनाथन का निधन

जाने-माने संगीतकार एमएस विश्वनाथन का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने लगभग 1000 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर विश्वनाथन को चेन्नई में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में चार बेटे और तीन बेटियां हैं।
आईवीएफ भ्रूणों के लिए संगीत ‌

आईवीएफ भ्रूणों के लिए संगीत ‌

यूं तो बार्सिलोना के गायक एंटोनियो ओरोज्को जब भी स्टेज पर आते हैं, सूट-बूट में होते हैं। लेकिन यह स्पेनिश गायक इस बार अलग तरह की पोशाक में थे। यह खास पोशाक उन्होंने खास कार्यक्रम के लिए पहनी थी। उनके श्रोता भी खास थे। यह कार्यक्रम एक आइवीएफ क्लीनिक में हुआ।
विकलांग बच्चियों की मदद के लिए बरखा बहार

विकलांग बच्चियों की मदद के लिए बरखा बहार

बेटी बचाओ के जज्बे के साथ बरखा बहार नाम से एक संगीतमय समारोह का आयोजन नंदिनी फाउंडेशन और पीपल फर्स्ट की ओर से दिल्ली के मुक्तधारा ऑडिटोरियम में किया गया। समारोह में गायिका मंदाकिनी बोरा के सावन पर गाए गीतों और सुफियाना गीतों ने लोगों को झूमने और तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। लोक गायिका पूजा झा के गीत भी लोगों को खूब पसंद आए।
शाहिद की शादी में मौजां

शाहिद की शादी में मौजां

कल शाहिद कपूर दिल्ली की मीरा राजपूत के साथ विवाह बंधन में बंध जाएंगे। मीरा जहां आज होने वाले संगीत समारोह की तैयारी में व्यस्त हैं वहीं शाहिद अपनी बैचलर पार्टी में मस्त हैं। यह पार्टी कहां हो रही है यह तो किसी को नहीं मालूम लेकिन खबर है कि शाहिद के बेहद करीबी दोस्त उनकी बैचलर पार्टी में शामिल हुए हैं।
नहीं चाहिए ऐसे पैसे जो संगीत का अपमान कर कमाए गए हों- मिलन सिंह

नहीं चाहिए ऐसे पैसे जो संगीत का अपमान कर कमाए गए हों- मिलन सिंह

नब्बे के दशक में जब गायिका मिलन सिंह सिल्वर स्क्रीन पर आईं तो लोग इसी पसोपेश में रहते थे कि वह महिला हैं या पुरुष। वह दोनों आवाजों में गाया करती थीं। तब उनके गीत युवाओं की जुबान पर रहते । खासकर ‘ अक्ख दे इशारे नाल गल कर गई कुड़ी पटोले वरगी ’ और ‘हाणियां तू कर लै प्यार की जिना तेरा जी करदा ’। इन गीतों की वजह से लोग उन्हें पंजाबी समझते लेकिन मिलन सिंह उत्तर प्रदेश में इटावा के एक गांव की रहने वाली हैं और ठाकुर परिवार में जन्मीं हैं। 32 सुपरहिट एलबम देने वाली मिलन सिंह ने हाल ही में संगीत की दुनिया में पुनः वापसी की है। पेश है उनके बातचीत के कुछ अंश-
भजन और सूफियाना कलामों की गूंज

भजन और सूफियाना कलामों की गूंज

दिल्ली का बहुचर्चित सालाना भक्ति संगीत समारोह साहित्य कला परिषद और दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग की ओर से पेश किया जा रहा है।
दिल्ली में पूर्वोत्तर का नृत्य-संगीत

दिल्ली में पूर्वोत्तर का नृत्य-संगीत

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि पूर्वोत्तर भारत के राज्य देश के खास हिस्से हैं। अपनी छोटी आबादी के बावजूद इन राज्यों का देश में काफी बड़ा योगदान है। इस क्षेत्र के लोगों ने आजादी की लड़ाई में सक्रिय हिस्सेदारी की थी।
रागगिरी का संगीत दूर करेगा लोगों का दुख

रागगिरी का संगीत दूर करेगा लोगों का दुख

नकारात्मक नहीं हो सकता, संगीत के ‘हीलिंग टच’ को ध्यान में रखकर म्यूजिकल हेरीटेज ने अपनी नई मुहिम ‘रागगिरी’ की शुरूआत की। ‘रागगिरी’ का मकसद देश के अलग अलग शहरों में बसे उन लोगों तक संगीत को पहुंचाना है, जो किन्हीं वजहों से समाज की मुख्यधारा से कटे हुए हैं। संगीत के ‘हीलिंग टच’ को ध्यान में रखकर ‘रागगिरी’ की शुरूआत की गई है।
सांस्कृतिक दूत होते हैं कलाकार-सेन

सांस्कृतिक दूत होते हैं कलाकार-सेन

भारत सरकार की ओर से नाटककार, गायक, संगीतकार और अभिनेता शेखर सेन को इस वर्ष पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। हाल ही में, उन्हें संगीत नाटक अकादेमी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके पास अकादमी के लिए कई योजनाएं हैं। प्रबंधन के अलावा उनके प्रशंसक उन्हें 'कबीर’ के तौर पर जानते हैं। कबीर उनकी एकल नाट्य प्रस्तुति है, जो दर्शकों के बीच खासी लोकप्रिय है।
पटकथा लेखक बने एआर रहमान

पटकथा लेखक बने एआर रहमान

दो बार अकादमी पुरस्कार जीत चुके संगीतकार एआर रहमान संगीत से इतर एक अलग क्षेत्र में हाथ आजमाने जा रहे हैं। नई चुनौती स्वीकार करते हुए रहमान अपनी खुद की पटकथा पर काम कर रहे हैं।
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