अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। पत्थरों से लदे दो ट्रकों के अयोध्या पहुंचने पर जिला पुलिस सतर्क हो गई और हालात पर नजर रख रही है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने करीब छह महीने पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की खातिर देशभर से पत्थर इकट्ठा करने का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था।
लोकसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने मांग की कि देश के मंदिरों, वक्फ बोर्डों और विभिन्न ट्रस्टों के पास पड़ी हजारों करोड़ की संपदा का इस्तेमाल समाज कल्याण योजनाओं में किया जाय। यही नहीं सरकार ट्रस्टों समेत देश में कार्यरत एनजीओ सेक्टर की लगातार निगरानी सुनिश्चित करे।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि सरकार 10 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों द्वारा होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए जल्द ही एक समन्वित नीति तैयार करेगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि 15 साल से अधिक पुराने ट्रकों और बसों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की अभी कोई योजना नहीं है।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने देश में किराये के मकानों के निर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि किराये के मकान असल में स्वामित्व वाले मकानों के बजाय ज्यादा समावेशी हैं, जिस पर सरकारें विशेष जोर देती रही हैं।
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को दोषमुक्त करार दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर वह अगले वर्ष दो फरवरी से रोजाना के आधार पर सुनवाई करेगा।
शीना बोरा की हत्या के तीन साल बाद एक ऐसे रिश्ते और अपराध की परत खुली है कि इसकी गहराई में जाने के बाद ही अनैतिक संबंध, लालच, धोखा और फिर हत्या की गुत्थी को समझा जा सकता है। पीटर मुखर्जी जब स्टार इंडिया के सीईओ थे, तभी उसकी घनिष्ठता एचआर कंसल्टेंट इंद्राणी मुखर्जी से बढ़ते हुए शादी तक पहुंची थी। पीटर की यह दूसरी शादी थी जबकि इंद्राणी की तीसरी। पीटर की पहली शादी से पैदा हुए बेटे राहुल मुखर्जी और इंद्राणी की पहली शादी से पैदा बेटी शीना बोरा के बीच प्रेम-संबंध ही शीना की हत्या का मुक्चय कारण बन गया। पुलिस सूत्रों की मानें तो हत्या का दूसरा कारण मां-बेटी के बीच पैसों का भी विवाद था। पुलिस को हत्याकांड में सबसे बड़ी सफलता इंद्राणी के ड्राइवर श्यामवर राय के अपराध कबूलने से मिली है और उसने इंद्राणी और संजीव खन्ना (इंद्राणी के पूर्व पति) के भी इस हत्या में शामिल होने की बात कही है।
अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?