भोपाल में चल रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में साहित्यकारों और साझी संस्कृति की अवहेलना पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। वरिष्ठ कवि सरकारी रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए, इसे हिंदी भाषा का अपमान और हिंदू सम्मेलन की संज्ञा देते है
विवादों के बीच भोपाल में शुरू हुआ 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन बगैर कोई छाप छोड़े समाप्त हो गया। पूरे कार्यक्रम के आयोजन में इसके उद्घाटन और समापन पर ही आयोजकों का सारा फोकस था। पर उसके बावजूद कार्यक्रम पूरी तरह से अपने उद्देश्यों से दिशाहीन होकर समाप्त हो गया। विवादों का ही असर हुआ जिसके चलते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके समापन समारोह में अपने पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए।
भोपाल में शुरू होने वाले 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन शुरुआत से पहले ही जमकर विरोध में साहित्यकारों की जमात हो रही है।। एक दिन पहले केन्द्रीय मंत्री वी.के. सिंह के विवादास्पद बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष को न्यौते के मुद्दे को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद पाकिस्तान ने राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन रद्द कर दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने यह खबर दी है। गौरतलब है कि भारत के विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्षों को इस सम्मेलन का न्यौता दिया गया था मगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष को नहीं बुलाया गया था।
नामी भारतीय अभिनेता अनुपम खेर को लैंगिक समानता पर संयुक्त राष्ट्र के अभियान के लिए दूत बनाया गया है। महिलाओं और लड़कियों के विरूद्ध असमानता के खिलाफ खड़े होने के लिए पुरूषों और लड़कों से आगे आने का आह्वान करने के लिए अनुपम खेर ने विश्व निकाय से तालमेल किया है।
इस साल यानी 2015 में हम मिलेनियम डेवलेपमेंट गोल्स पाने के करीब हैं। सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों ने ये लक्ष्य अपने लिए तय किए थे और इनमें भारत भी एक है। इन लक्ष्यों में गरीबी, भुखमरी को दूर करना, प्राइमरी शिक्षा सब तक पहुंचाना, लैंगिक समानता के साथ माताओं का स्वास्थ्य भी एक लक्ष्य तय किया गया था। हम इस लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे या नहीं इस बहस को एक तरफ रखकर अगर देखें तो जानेगें कि हम इस (माताओं के स्वास्थ्य) लक्ष्य की तरफ अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाएं हैं।
चार महीने पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ब्रुसेल्स की प्रस्तावित यात्रा को यूरोपीय संघ (ईयू) ने कोई तरजीह नहीं दी थी लेकिन अब उसने भारत-ईयू सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। यह सम्मेलन तुर्की में नवंबर में होने वाले जी-20 की बैठक से ठीक पहले या बाद में हो सकता है।
सीरिया में रासायनिक हथियारों के हमलों के पीछे साजिशकर्ताओं की पहचान के मकसद से अमेरिका और रूस संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के मसौदे पर सहमत हो गए हैं ताकि दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।
यदि दफ्तर स्तनपान कराने वाली मांओं के लिहाज से सुविधाजनक कार्यस्थल में बदल जाए तो महिला कर्मचारियों की काम की रफ्तार तेज हो सकती है। एक अध्ययन कहता है कि पर्याप्त मातृत्व लाभ पाने वाली कामकाजी महिलाओं में दफ्तर में अधिक संतुष्टि देखी गई है। चूंकि स्तनपान करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं, ऐसे में मांएं दफ्तर में कम अनुपस्थित रहती हैं।