जम्मू-कश्मीर में अभी सरकार बनी नहीं लेकिन सवाल उठने लगे कि यह सरकार कब तक चलेगी। क्योंकि दोनों दलों ने समझौते के तहत असली मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया जिस पर भाजपा और पीडीपी को अलग-अलग रुख था।
संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों के होने या नहीं होने पर चर्चा कराने के केंद्र सरकार के सुझाव पर राजग के घटक दल पीएमके ने आलोचना की है। इससे पहले सरकार में सहयोगी शिवसेना ने प्रस्तावना से उक्त शब्दों को हटाने की मांग की थी जिस पर चिंता जताई गई है।
छह साल से ज़्यादा वक़्त बीतने के बाद भी नेपाल में स्थाई संविधान बनने की सूरत नज़र नहीं आ रही है. बाईस जनवरी को संविधान निर्माण की तय समय सीमा के खत्म होने के बाद वहां राजनीतिक संकट और गहरा गया है। इसके दो दिन पहले मतभेद के चलते संसद में मारपीट तक की नौबत आ गई।