अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा के समय में जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जारी की गई नीतियों को खत्म करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2022 सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाएंगे। अखिलेश समाजवादी पार्टी की हार के बाद आयोजित समीक्षा बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
उत्तरप्रदेश में सपा और कांग्रेस के गठजोड़ को परिवार की सत्ता को बचाने के लिए युवराजों का गठबंधन करार देते हुए भाजपा ने आज कहा कि यह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विकास के दावों की हवा निकाल देता है और उनकी हताशा को प्रदर्शित करता है।
उत्तर प्रदेश के समाजवादी कुनबे में जारी घमासान में संख्याबल के मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पलड़ा भारी होने के बीच इस झगड़े की मुख्य वजह बताये जा रहे सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि संख्या या सत्ता से किसी की हैसियत नहीं बनती।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास पिछले 14 साल से वनवास भोग रहा है और भाजपा कार्यकर्ताओं को जनता को राहत दिलाने के लिये राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव एक जिम्मेदारी के तौर पर लड़ना होगा। मोदी ने एक बार फिर सबका साथ-सबका विकास का नारा बुलन्द करते हुए प्रदेश की जनता का आहवान किया कि वह जात-पात और अपने-पराये की भावना से उपर उठकर विकास के लिये भाजपा को वोट दे।
अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हो जाने के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप अपने बड़बोलेपन पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट पर आरोप लगाया कि बराक ओबामा सत्ता हस्तांतरण में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओबामा प्रशासन कुछ ऐसे फैसले ले रहा है जिससे कठिनाई होगी, इनमें से एक इस्राइल से संबंधित फैसले भी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबले पर पीछे नहीं हटने पर जोर देते हुए दुनिया के नेताओं से अपील की है कि वे पेरिस में हुए ऐतिहासिक समझौते का समर्थन और पालन करें।
संसद में सत्ता और प्रतिपक्ष के टकराव से शीतकालीन सत्र केवल कुछ घंटों के औपचारिक कामकाज और आरोप-प्रत्यारोप एवं भारी हंगामे के साथ समाप्त हो गया। आजादी के बाद नोटबंदी के सबसे बड़े सरकारी फैसले से पूरे देश के साथ संसद भी हतप्रभ एवं दिशाहीन दिखाई दी।
‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।