दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक और परेशानी में पड़ गए हैं। सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय स्थित स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के दफ्तर पर गुरुवार को छापा मारा है।
सुप्रीम कोर्ट लगातार जनता को विश्वास दिला रही है कि कानून के सामने बड़े से बड़ा अपराधी, सरकार में बैठे मंत्री या नेता, खेल राजनीति के शीर्ष संगठन बराबर हैं। उनकी सत्ता न्यायालय के दरवाजे पर बौनी है।
ए.के.- 67 के कारतूस लगातार खोखले और ‘आप हंता’ साबित हो रहे हैं। 70 में से 67 का भारी बहुमत और टोपी-कमीज-चप्पल से बनी प्रारंभिक लोकप्रिय छवि वाला मुख्यमंत्री भारतीय राजनीति में पहले कभी नहीं उभरा। केवल दो साल की राजनीतिक गोलीबारी के साथ संपूर्ण भारत पर राजनीति की महत्वाकांक्षा पालने वाले ए.के. यानी अरविंद केजरीवाल अब हैरान हैं।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार के एक और मंत्री मुश्किलों में फंस गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले सत्येंद्र जैन को आयकर विभाग ने हवाला के जरिये 17 करोड़ रुपये कोलकाता की चार कंपनियों को ट्रांसफर करने के आरोप में समन जारी किया है।
उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फिनलैंड से लौटने के लिए फैक्स भेजने के बाद अचानक शनिवार को आप के मंत्री सत्येंद्र जैन और कपिल मिश्रा जंग से मिलने उनके कार्यालय पहुंच गए। लेकिन जंग के वहां न होने के कारण उनकी मुलाकात नहीं हो पाई जिसके बाद दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली अंबानी समूह की बिजली वितरण कंपनियों के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार उनका लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रही है।
देश में हर बात के लिए नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने वाले अरविंद केजरीवाल ने शुक्र है दिल्ली में बिजली संकट के लिए मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा नहीं किया है बल्कि दिल्ली में बिजली वितरण के लिए जिम्मेदार कंपनी बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी के मालिक अनिल अंबानी को तलब कर लिया है। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि बिजली वितरण करने वाली तीसरी कंपनी टाटा पावर के मुखिया साइरस मिस्त्री को तलब किया गया है या नहीं।
पहले राजमार्ग ठेकेदारी में धांधली में गई सत्येंद्र दुबे की जान, फिर पेट्रोलियम पदार्थों में मिलावट की साजिश का पर्दाफाश करने वाले मंजूनाथ और अब रेत माफिया की प्रताड़ना से आजिज आकार कर्नाटक के एक और आईएएस अधिकारी डी. के. रवि ने खुदकुशी कर ली।
बिना भारतीय व्यवस्था में भ्रष्टाचार के क्या पाकिस्तानी आतंकवादी भी मुंबई में संहार कर सकते थे? उनके पास चार-चार सौ डॉलर के नोट मिले। कुछ रिपोर्टों के अनुसार समुद्र मार्ग से अवैध घुसपैठ कराने के लिए तटरक्षकों की रिश्वत दर 400 डॉलर है। अन्य रिपोर्टों के अनुसार कथित कठोर प्रशासन वाले गुजरात की कई मछुआरी नौकाएं विदेशी तस्करों के साथ संलिप्त हैं और शायद इसीलिए आतंकवादी ऐसी एक नौका को इतनी सरलता से गिरफ्त में लेकर मुंबई आ सके। लेकिन आतंकवादी विरोधी कठोर कानून, पाकिस्तान को कठोर कार्रवाई की धमकी और कुछ नेताओं का इस्तीफा मांगने वाले कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ इतनी सक्रियता क्यों नहीं दिखाते?