यूपी चुनाव के पहले दौर की वोटिंग में अब एक महीने का भी समय नहीं रह गया है लेकिन राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के नेता अभी अपने चुनाव चिन्ह पर कब्जे की जंग में ही जुटे हैं। चुनाव आयोग के सामने पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खेमों की ओर से 'साइकिल' पर दावे किए गए। निर्वाचन आयोग ने हालांकि अपना फैसला सुरक्षित रखा है लेकिन साइकिल को लेकर बस तीन संभावनाएं बन रही हैं।
मुलायम और अखिलेश यादव के खेमे ने सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा करने के लिए चुनाव आयोग के पास दलीलें पेश की। हालांकि, आयोग ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन का समय नजदीक आने के साथ राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपने मंत्रियों और विधायकों से कहा कि वे टिकट की चिंता नहीं करें। उन्होंने अपने निकट सहयोगियों के साथ चुनावी रणनीति तैयार की।
समाजवादी पार्टी में दो फाड़ के बाद एकजुटता के प्रयासों की कड़ी में मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि वह पार्टी को एकजुट रखना चाहते हैं और इसे टूटने नहीं देंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह साइकिल को रखना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश के समाजवादी परिवार में जारी दंगल में सोमवार को दिखी मुलायमियत के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग में अपने मुकाबिल खड़े अपने पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करके आपसी सुलह-बातचीत के संकेत दिये।
सपा में जारी विवाद के बीच सोमवार को पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग के समक्ष साइकिल पर अपनी दावेदारी पेश की। चुनाव आयोग के समक्ष पहले मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और अमर सिंह के साथ पहुंचे। अखिलेश गुट की तरफ से रामगोपाल यादव चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे।
अखिलेश यादव पर रविवार दोपहर कुछ नरम दिखने वाले वाले मुलायम सिंह शाम होते-होते फिर सख्त हो गए। रविवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम ने साफ कर दिया कि वह एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, शिवपाल यादव यूपी के प्रदेश अध्यक्ष और अखिलेश यूपी के सीएम।
समाजवादी पार्टी के दोनों खेमों की ओर से साइकल चुनाव चिह्न पर दावेदारी जताए जाने के बीच रविवार को रामगोपाल यादव ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि साइकल से बड़ा ब्रैंड अखिलेश हैं। उन्होंने कहा कि साइकल चुनाव चिह्न मिलने, न मिलने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
समाजवादी पार्टी में सुलह का फार्मूला तैयार किया जा रहा है। हालांकि अभी भी कोई साफ तौर पर कुछ कहने की स्थिति में नहीं है लेकिन सूत्रों के मुताबके अगले चौबीस घंटों में सुलह हो जाएगा। शुक्रवार को भी बैठकों का दौर जारी रहा और खबर है कि चुनाव चिन्ह पाने के लिए बीच का कोई रास्ता निकाल लिया जाए।