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आईपीएल: क्‍या कहता है प्‍ले ऑफ का समीकरण

आईपीएल: क्‍या कहता है प्‍ले ऑफ का समीकरण

आईपीएल का दसवां संस्‍करण अपने आखिरी दौर में जा पहुंचा है और हर साल की तरह इस बार भी प्लेऑफ के समीकरण पर सबका ध्‍यान जा रहा है। मुंबई इंडियंस ने 9 जीत के साथ अपनी जगह प्लेऑफ में पक्की कर ली है। सभी की नजरें चार टीमों पर बनी हुई है। यह भी दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम प्लेऑफ में कौन से नंबर पर अपनी जगह बनाने में कामयाब होती है।
उपचुनाव की हार के बाद बिगड़े समीकरण साधने में जुटी आप

उपचुनाव की हार के बाद बिगड़े समीकरण साधने में जुटी आप

राजौरी गार्डन की हार के बाद आप ने आगे के राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस की। उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
योगी के बयान के बाद बदलने लगा है पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सियासी समीकरण

योगी के बयान के बाद बदलने लगा है पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सियासी समीकरण

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हिंदूओ के पलायन को बड़ा चुनावी मुददा बनाते हुए भाजपा के फायरब्रांड नेता और सांसद योगी आदित्यनाथ ने धौलाना में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर स्थिति इसी तरह बनी रही तो आने वाले समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश नया कश्मीर बन सकता है। योगी के इस बयान के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सियासी समीकरण बदलने लगा है। माना जा रहा है कि उनके इस उग्र बयान के बाद इलाके में हिंदू वोटो का धु्वीकरण बढ़ सकता है।
अंसारी बंंधुओं के बसपा में जाने से बिगड़ेगा पूर्वांचल का सियासी समीकरण

अंसारी बंंधुओं के बसपा में जाने से बिगड़ेगा पूर्वांचल का सियासी समीकरण

पूूर्वांचल में बाहुबली विधायक मुख्‍तार अंसारी और उनके विधायक भाई सिग्‍बतुल्‍लाह अंसारी के बसपा में जाने से सियासी समीकरण बदल गया है। समाजवादी पार्टी ने पूर्वांचल में जीत की बड़ी उम्‍मीद की थी लेकिन अब भाजपा के लिए फायदा दिखने लगा है।
बुंदेलखंड में जीत के जातिगत समीकरण का फार्मूला क्या विकास में बदल पायेगा

बुंदेलखंड में जीत के जातिगत समीकरण का फार्मूला क्या विकास में बदल पायेगा

कर्ज के बोझ के तले दबे किसानों की व्यथा, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझते उत्‍तर प्रदेश के बुंदेलखंड के लोगों की समस्याएं खबरों की सुर्खियां तो जरूर बनती हैं लेकिन चुनावी मुद्दा नहीं बन पातीं और अब सवाल यह है कि राजनीतिक दलों के लिए अंतत: जीत के जातिगत समीकरण का फार्मूला क्या विकास की शक्ल ले पायेगा।
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