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Search Result : "सर्वोच्च अदालत"

कमी नहीं, किसानों की आत्महत्या होनी ही नहीं चाहिएः अदालत

कमी नहीं, किसानों की आत्महत्या होनी ही नहीं चाहिएः अदालत

देश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में व्यापक कमी आने संबंधी केंद्र सरकार के दावों से उच्चतम न्यायालय आज संतुष्ट नहीं हुआ और उसने कहा कि एक भी ऐसा मामला नहीं होना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने आठ साल पुरानी कृषि नीति पर फिर से गौर करने के बारे में केंद्र से जवाब मांगा है।
हाफिज सईद की अर्जी पर पाक अदालत की 'फैंटम' पर रोक

हाफिज सईद की अर्जी पर पाक अदालत की 'फैंटम' पर रोक

पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात-उद-दावा प्रमुख और 26-11 के मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद की याचिका पर बाॅलीवुड फिल्म 'फैंटम' के देश में प्रदर्शन पर रोक लगा दी। सईद ने आरोप लगाया था कि 26-11 के हमलों के बाद की परिस्थितियों पर बनी फिल्म में उसके तथा उसके संगठन के खिलाफ कुत्सित दुष्प्रचार है।
कोयला घोटाले में विजय दर्डा को जमानत

कोयला घोटाले में विजय दर्डा को जमानत

कोयला घोटाला मामले में एक विशेष अदालत ने राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके पुत्र देवेंद्र दर्डा और पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता को आज जमानत दे दी। यह मामला छत्तीसगढ में फतेहपुर पूर्वी कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।
अलेमाओ की जमानत याचिका खारिज

अलेमाओ की जमानत याचिका खारिज

लुईस बर्जर घूस मामले में गिरफ्तार गोवा के पूर्व लोक निर्माण मंत्री चर्चिल अलेमाओ की जमानत याचिका जिला जज बी.पी. देशपांडे ने खारिज कर दी। राज्य अपराध शाखा ने पांच अगस्त को अलेमाओ को गिरफ्तार किया था।
मनमोहन को बतौर आरोपी बुलाए कोर्टः कोड़ा

मनमोहन को बतौर आरोपी बुलाए कोर्टः कोड़ा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने एक विशेष अदालत में आवेदन दायर करते हुए मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दो अन्य लोगों को कोयला घोटाला मामले में आरोपियों के रूप में तलब किया जाए।
आजादी विशेष | हमारी चेतना पर धब्बा है फांसी: युग चौधरी

आजादी विशेष | हमारी चेतना पर धब्बा है फांसी: युग चौधरी

देश में फांसी की सजा के खिलाफ अभियान चलाने वाले बॉम्बे उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं युग मोहित चौधरी। फांसी के फंदे पर झूलने वाले अभियुक्त के लिए एक अंतिम आस के तौर पर युग चौधरी का नाम आता है।
आजादी विशेष | साफ आबोहवा का अधिकार ही प्रदूषित

आजादी विशेष | साफ आबोहवा का अधिकार ही प्रदूषित

देश में पर्यावरण गंभीर खतरे में है। जन-जंगल-जमीन इस तरह प्रदूषित हो गया है कि साफ हवा और साफ पानी के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में पहले से लचर पर्यावरण कानूनों को मजबूत बनाने के बजाय केंद्र सरकार पर्यावरण कानूनों की समीक्षा के नाम पर पर्यावरण और लोगों के अधिकारों को रहन रखने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए पर्यावरण शब्द का मतलब निवेश का पर्यावरण बन गया है।
आजादी विशेष | इस राष्ट्र का कोई धर्म नहीं है!

आजादी विशेष | इस राष्ट्र का कोई धर्म नहीं है!

भारत राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर केंद्र की मौजूदा सरकार यह कहकर सवाल खड़ी कर रही है कि संविधान की प्रस्तावना से 'धर्मनिरपेक्षता’ और 'समाजवाद’ जैसे शब्दों को हटा देना चाहिए। इस बहस से हालांकि सरकार को मजबूरन अपने कदम पीछे खींचने पड़े लेकिन यह मान लेना एक बड़ी भूल होगी कि यह विवाद ठंडा पड़ चुका है।
आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
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