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Search Result : "सांप्रदायिकता"

लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है पुरस्कार वापसी

लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है पुरस्कार वापसी

पिछले कुछ हफ्तों में लेखकों वैज्ञानिकों और कलाकारों के सम्मान लौटाने की बाढ़ देखी गई। पुरस्कार लौटाने के जरिये ये सम्मानित और पुरस्कृत लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खड़े हुए हैं। बढ़ती असहिष्णुता और हमारे बहुलतावादी मूल्यों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इन शिक्षाविदों, इतिहासकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के कई बयान भी आए हैं। जिन्होंने अपना पुरस्कार लौटाया है वे सभी साहित्य, कला, फिल्म निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों में से हैं। इस तरह सम्मान लौटाकर उन सभी लोगों ने सामाजिक स्तर पर हो रही घटनाओं पर अपने दिल का दर्द बयान किया है।
बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार में चुनावी परिणाम चाहे जो रहे, सरकार चाहे नीतीश कुमार की बने या नरेंद्र मोदी की, इन चुनावों के प्रचार ने राष्ट्रीय राजनीति के कई बंद दरवाजों को खोला है। कई ऐसे समीकरण आए, जिनके बारे में कुछ सालों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नीतीश और लालू का साथ आना, अति पिछड़ा वर्ग का निर्णायक स्थिति में पहुंचना, तमाम वाम दलों का मिलकर चनाव लड़ना और पहली बार देश के प्रधानमंत्री का किसी राज्य के चुनाव के लिए रिकॉर्ड सभाएं करना। इन तमाम पहलुओं पर बिहार की जनता ने पैनी निगाह रखी और हर पहलू पर जमकर चर्चा हुई। ये बहसें सिर्फ बिहार की धरती तक ही सीमित नहीं रहीं, जहां भी बिहारी हैं, वहां बिहार के राजनीतिक भविष्य पर चिंता हावी रही।
भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की तैयारी में कांग्रेस

भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की तैयारी में कांग्रेस

कांग्रेस भारती जनता पार्टी के विराेधी दलों को एक मंच पर लाने की रणनीति तैयार कर रही है। इसी रणनीति के तहत पार्टी ने उन दलों से आह्वान किया है जो सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते हैं। पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार घृणा फैलाने वाली ताकतों को रोक पाने में असफल है और समान विचार वाले दलों को एकजुट होकर सरकार का विरोध करना चाहिए।
मनमोहन ने लौटाया हरियाणा साहित्य अकादमी का सम्मान

मनमोहन ने लौटाया हरियाणा साहित्य अकादमी का सम्मान

देश में लेखकों पर बढ़ते हमले और असहमति की आवाजों को दबाने के विरोध में हिंदी के वरिष्ठ कवि-चिंतक मनमोहन ने हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से मिला सम्मान लौटा दिया है। उन्होंने सम्मान के साथ मिली 1 लाख रुपये की राशि भी अकादमी को वापसभेज दी है।
सेकुलर ग्रंथि पीड़‍ित कलमकारों ने लौटाए हैं पुरस्कार: संघ

सेकुलर ग्रंथि पीड़‍ित कलमकारों ने लौटाए हैं पुरस्कार: संघ

उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।
साहित्‍यकारों की नीयत पर महेश शर्मा ने उठाए सवाल

साहित्‍यकारों की नीयत पर महेश शर्मा ने उठाए सवाल

देश में बढ़ती सांप्रदायिकता और असहिष्णुता के खिलाफ कई साहित्‍यकारों के साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने को केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने गैरजरूरी कार्रवाई करार दिया है। शर्मा ने इन साहित्‍यकारों की पृष्‍ठभूमि और मंशा पर भी सवाल उठाए हैं।
पातर, डबराल व जोशी ने लौटाए पुरस्कार, सिलसिला जारी

पातर, डबराल व जोशी ने लौटाए पुरस्कार, सिलसिला जारी

आजादी पर हमले के विरोध में साहित्यकारों का लगातार साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाना जारी है। यह सिलसिला पंजाब में भी शुरू हो चुका है। गुरुबचन भुल्लर, अजमेर सिंह औलख, आत्मजीत सिंह और कैनेडा में रह रहे वरियाम संधू पहले ही साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर चुके हैं।
डबराल, जोशी समेत कई साहित्‍यकारों ने लौटाए पुरस्‍कार

डबराल, जोशी समेत कई साहित्‍यकारों ने लौटाए पुरस्‍कार

सांप्रदायिक राजनीति, अभिव्‍यक्ति की आजादी पर बढ़ते हमलों और बढ़ती असहिष्‍णुता के खिलाफ साहित्‍य अ‍कादमी पुरस्‍कार लौटाने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। अब तक विभिन्‍न भाषाओं के करीब 15 साहित्‍यकार पुरस्‍कार लौटा चुके हैं।
बिसाहड़ा छोड़ एयरफोर्स कॉलोनी गया अखलाक का परिवार

बिसाहड़ा छोड़ एयरफोर्स कॉलोनी गया अखलाक का परिवार

नेताओं की आवाजाही और इलाके में व्याप्त तनाव के बीच दादरी के बिसाहड़ा में गोमांस की अफवाह पर मारे गए अखलाक के परिवार ने अपना गांव छोड़ दिया है। परिवार अब दिल्‍ली में एयरफोर्स की एक रिहायशी कॉलोनी में रहेगा।
अब अशोक वाजपेयी ने लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार

अब अशोक वाजपेयी ने लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार

देश में लगातार बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल के बाद हिंदी के जाने-माने साहित्‍यकार अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। इससे पहले उदय प्रकाश भी कन्‍नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्‍या के विरोध में यह पुरस्‍कार लौटा चुके हैं।
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