बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी के अभियान की शुरुआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिहार में रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। सोनिया ने कहा कि गलत नीतियों के कारण देश में सांप्रदायिकता की घटनाएं बढ़ी हैंँ। बिहार को दिया गया पैकेज केवल छलावा है।
देश इस समय विभिन्न क्षेत्रों में पतन की राह पर अग्रसर है। धर्मनिरपेक्षता, अनेकता, और भारतीय राष्ट्रीयता को राजनैतिक तौर पर कमजोर किए जाने के अलावा सांस्कृतिक बहुलता और मेलजोल की परंपरा पर भी कुठाराघात हो रहा है।
बीस साल की सहरुमा पेट से है। नवां महीना जारी है। उसके पास न तो जच्चा-बच्चा कार्ड और न ही उसे पता है कि बच्चे की पैदाइश कहां हो सकेगी। पिछले चार महीनों से उसने डॉक्टर के यहां कोई चेकअप भी नहीं करवाया है। सहरुमा फरीदाबाद के गांव अटाली के उस अल्पसंख्यक पीड़ित समुदाय से है जिन्हें सांप्रदायिक हिंसा के चलते चार महीने पहले अपना घर और गांव छोड़ना पड़ा था। फरीदाबाद के अटाली में हालात जस के तस हैं। जिन 175 परिवारों ने गांव छोड़ा था उनके हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गौरतलब है कि लगभग चार महीने पहले अटाली गांव में मस्जिद बनाने के विवाद पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।
असहिष्णुता, सामाजिक जीवन के किसी एक क्षेत्र में एकांत में ही नहीं फलती-फूलती बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समांतर रूप से फैलती है। महाराष्ट्र में सत्ता में बैठी भाजपा के बहुमत वाली सरकार ने कुछ महीनों पहले बीफ बेचने और खाने पर प्रतिबंध लगाया था। इस फैसले ने मीट उद्योग से जुड़े कामगारों के सामने रोजगार का संकट पैदा कर दिया। मुंबई के सबसे बड़े देवनार बूचड़खाने के कामगार बेरोजगारी की मार से छटपटा रहे हैं।
विपक्ष ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनावों के समय लोगों को बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए गए थे लेकिन सरकार बनते ही पार्टी का रूख बदल गया है। राष्टपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हुई चर्चा के दौरान सरकार पर साम्प्रदायिकता फैलाने का आरोप भी लगाया गया।