फरीदाबाद के गांव अटाली में फैली हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। ताजा हालात यह हैं कि अब 150 परिवारों के 12,00 लोग कैंप में रहने के लिए मजबूर हैं। गौरतलब है कि इसी वर्ष 25 मई को अताली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। इस वजह से एक गुट ने मुस्लिम समुदाय पर हमला बोला, उनके घर जला दिए और मुसलमान समुदाय गांव छोड़ने पर विवश हो गए।
मीरांबाई की संघर्ष-यात्रा को केंद्र में रखकर लिखा गया उपन्यास ‘रंग राची’ आखिरकार पाठकों तक पहुंच ही गया। दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में नामवर सिंह ने अध्यक्षीय आशीर्वचन दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंदी में बहुत कवयित्रियां हुई लेकिन जो स्थान मीरां ने बनाया वह सब के लिए आदर्श है। मीरा को करूणा, दया के पात्र के रूप में देखने की जरूरत नहीं है, मीरां स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैं।’ इस उपन्यास को सुधाकर अदीब ने लिखा है और यह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
जनता दल यूनाइटेड के बागी विधायक अब भारतीय जनता पार्टी का गुणगान कर रहे हैं। तकनीकी कारणों से भाजपा में शामिल न हो पाने के कारण ये विधायक जदयू के साथ बने हुए हैं लेकिन भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुज्जफरपुर की रैली को सफल बनाने के लिए जदयू के बागी विधायकों ने पूरा जोर लगाया और यहां तक की रैली में भी शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश करते हुए हिंदू धर्मगुरुओं तथा मतावलंबियों ने मुसलमानों के साथ मिलकर रोजा रखना शुरू कर दिया है। विकास की दौड़ में पिछड़े इस जिले में एम्स स्थापना की मुहिम के तहत शुरू की गई इस मुकद्दस कोशिश की हर तरफ चर्चा हो रही है।
विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।