प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांसद आदर्श ग्राम योजना केवल कागजों में ही दिखाई पड़ रही हैं। आलम यह है कि खुद प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में शामिल कई मंत्रियों ने भी इस योजना को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
राष्ट्रीय राजधानी से सटे वैशाली मेट्रो स्टेशन से बुधवार को लापता हुई स्नैपडील कंपनी में काम करने वाली इंजीनियर दीप्ति सरना शुक्रवार को अपने घर पहुंच गई हैं। परिजनों ने बताया कि वह परिवार के साथ है और सुरक्षित है।
अपने पार्टी विरोधी बयानों से भाजपा को लगातार परेशानी में डालने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की आलोचना की है। उन्होंने शनिवार को केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यदि सरकार मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले तक इंतजार कर लेती तो आसमान नहीं गिर जाता।
सपनों की रानी के भी सपने हो सकते हैं। सपनों में महल, चांद-सूरज, कोहिनूर हीरे सहित स्वर्ण माला, हाथी, घोड़े-पालकी, दरबार, संगीत-नृत्य होना स्वाभाविक है। आधुनिक भारत में रूपहले पर्दे की सफल अभिनेत्री हेमा मालिनी किसी भी पूर्ववर्ती महारानियों से अधिक लोकप्रिय रही हैं। अभिनय के साथ मंच पर भी हेमा मालिनी की नृत्य-नाटिका आज भी लोगों के मुग्ध करती हैं।
निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलाेंद आज चंडीगढ़ पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चंडीगढ पहुंचकर उनका स्वागत किया। फिर दोनों शहर के मशहूर रॉक गार्डन गए और बाद में भारत-फ्रांस व्यापार सम्मेलन में शामिल हुए।
बीते 17 जनवरी को डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस में एक दंपति से दुर्व्यवहार करने के मामले में आरोपी जदयू विधायक सरफराज आलम को पार्टी से निलंबित कर दिया गया। शनिवार को आलम के निलंबन की पुष्टि करते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि विधायक का व्यवहार अनुचित था।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और राज्य की पहली महिला सांसद कविता कलवाकुंटला राजनीति में आने से पहले अपने संगठन तेलंगाना जागृति मंच के जरिए सक्रिय रही हैं। कविता आउटलुक से विशेष बातचीत में राजनीतिक योजना और तेलंगाना के विकास को लेकर खुलकर बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
अशोक स्तंभ का जो स्वरुप हमारा राष्ट्रीय चिह्न है, वह अशोक स्तंभ का वास्तविक स्वरुप नहीं है। दरअसल असल अशोक स्तंभ में एक चक्र ऊपर भी था जिसमें 32 तीलियां थीं। जब अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिह्न के तौर पर अपनाया जा रहा था तब एक सांसद ने इस ओर नेहरू का ध्यान आकृष्ट भी कराया लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी थी।