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Search Result : "साख पर सवाल"

चर्चाः सवाल सांसदों की आचार संहिता का | आलोक मेहता

चर्चाः सवाल सांसदों की आचार संहिता का | आलोक मेहता

सांसदों का ‘रिश्वत कांड’ एक बार फिर गूंज उठा। ममता बनर्जी देश की उन नेताओं में से हैं, जिन पर व्यक्तिगत भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लग सकते। जार्ज फर्नांडिस पर ‘तहलका स्टिंग आपरेशन’ के कारण आरोप लगा, लेकिन जार्ज को भ्रष्ट और बेईमान नहीं माना गया।
चर्चाः न्याय के तराजू पर जंग के खतरे | आलोक मेहता

चर्चाः न्याय के तराजू पर जंग के खतरे | आलोक मेहता

न्यायपालिका पर आप या हम कोई प्रश्नचिह्न लगाएं, तो अवमानना कानून की लक्ष्मण रेखा सामने आ सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजमान राष्ट्रपति स्वयं न्याय की वर्तमान व्यवस्‍था एवं उसकी साख पर संकट की बात करें, तो निश्चित रूप से सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवाज उठनी चाहिये।
‘भारत के प्रति एचडीएफसी बैंक को कोई सम्मान नहीं’

‘भारत के प्रति एचडीएफसी बैंक को कोई सम्मान नहीं’

देश की शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के बारे में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उसके मन में भारत के प्रति कोई प्यार और सम्मान नहीं है। उपभोक्ता अदालत ने यह भी कहा कि बैंक ने विदेश में फंसे एक दंपति के डेबिट कार्ड को चालू नहीं कर देश की साख को खतरे में डाला।
एक्सक्लूसिव- नेपाल  में नीतीश कुमार के बढ़ते कद से जुड़ा है मधेशी का सवाल

एक्सक्लूसिव- नेपाल में नीतीश कुमार के बढ़ते कद से जुड़ा है मधेशी का सवाल

नेपाली कांग्रेस के 13वें अधिवेशन में बिहार के मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत का द्विपक्षीय राजनीति पर पड़ेगा सीधा असर
मेरे सवाल का सही जवाब नहीं मिला - मायावती

मेरे सवाल का सही जवाब नहीं मिला - मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि जो जातिवादी मानसिकता कांग्रेस पार्टी व उनकी सरकारों की हुआ करती थी, वही बुरा व गलत रवैया वर्तमान भाजपा सरकार का भी बना हुआ है। मायावती ने कहा कि उन्होने जो सवाल पूछा था उसका सही जवाब नहीं मिला।
'सिर्फ हिंदू कट्टरपंथियों पर सवाल क्‍यों उठाते हैं सेक्‍युलर'

'सिर्फ हिंदू कट्टरपंथियों पर सवाल क्‍यों उठाते हैं सेक्‍युलर'

देश में असहिष्‍णुता पर छिड़ी बहस के बीच बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा है कि उनके विचार में भारत एक असहिष्णु देश नही है। लेकिन उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि देश में धर्मनिरपेक्ष लोग केवल हिंदू कट्टरपंथियों पर ही सवाल क्यों उठाते हैं, मुस्लिम कट्टरपंथियों को क्‍यों छोड़ देते हैं। तसलीमा ने कहा कि छद्म-धर्मनिरपेक्षता पर आधारित लोकतंत्र कभी सच्चा लोकतंत्र नहीं है।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन पर शत्रुघ्न ने उठाया सवाल

अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन पर शत्रुघ्न ने उठाया सवाल

अपने पार्टी विरोधी बयानों से भाजपा को लगातार परेशानी में डालने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की आलोचना की है। उन्होंने शनिवार को केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यदि सरकार मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले तक इंतजार कर लेती तो आसमान नहीं गिर जाता।
पंजाब का माघी मेला आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल

पंजाब का माघी मेला आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल

प्रतिवर्ष 14 जनवरी को पंजाब के मुक्तसर जिले में होने वाला ऐतिहासिक माघी मेला इस दफा अलग होगा। पहली दफा यहां आम आदमी पार्टी की भी कॉन्फ्रेंस करेगी। इससे पहले कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल के अलावा यहां तमाम खालिस्तान समर्थक राजनीतिक पार्टियां ही कॉन्फ्रेंस किया करती थी। पंजाब के मामले में खास बात यह है कि किसी ने पंजाब के मतदाता की नब्ज भांपनी हो या किसी राजनीतिक पार्टी का जनाधार देखना हो वह माघी मेले में जरूर जाता है। इसे राजनीतिक पार्टियों का शक्ति प्रदर्शन कहा जा सकता है।
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