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Search Result : "सामाजिक आर्थिक व जाति जनगणना"

चुनावी खेल में मीडिया के माथे पर जाति-धर्म का टीका

चुनावी खेल में मीडिया के माथे पर जाति-धर्म का टीका

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा जाति, धर्म, संप्रदाय के नाम पर वोट मांगे जाने को अवैध करार दिया। अब पांच राज्य विधान सभाओं का चुनावी बिगुल बज गया है। उम्मीदवार न सही वर्षों से जाति-धर्म के झंडे-डंडे लेकर चुनावी अखाड़े में शक्ति प्रदर्शन करने वाले आसानी से पीछे नहीं हटने वाले हैं।
नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में आ सकती है अस्थायी मंदीः प्रणब

नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में आ सकती है अस्थायी मंदीः प्रणब

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि नोटबंदी के बाद आर्थिक मंदी के कारण गरीबों को होने वाली अपरिहार्य परेशानियों को दूर करने के लिए अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए। मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन से वीडियो-कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यपालों और उपराज्यपालों से कहा कि कालेधन को समाप्त करने और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लागू नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में अस्थायी मंदी आ सकती है।
सेना के 12,000 पोर्टरों की मदद के लिए मोदी सरकार को निर्देश

सेना के 12,000 पोर्टरों की मदद के लिए मोदी सरकार को निर्देश

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह जोखिम भरे इलाकों में सेना के लिए काम करने वाले सहायकों :पोर्टर: को बेहतर भुगतान, चिकित्सा सुविधा, बढ़ी हुई आर्थिक सहायता और सेवा से अलग होने की स्थिति में 50,000 रूपये की प्रस्तावित राशि से अधिक का अनुदान देने के लिए एक योजना तैयार करे।
धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना गलत : सुप्रीम कोर्ट

धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना गलत : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर वोट मांगा जाना चुनाव कानून प्रावधान के तहत भ्रष्ट तरीका है। जनप्रतिनिधि कानून में भ्रष्ट तरीके को परिभाषित करने वाली धारा 123 (3) में इस्तेमाल शब्द उसका धर्म के संदर्भ में प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और तीन अन्य न्यायाधीशों ने तीन के मुकाबले चार के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि इसका यह अभिप्राय मतदाताओं, उम्मीदवारों और उनके एजेंटों आदि समेत सभी के धर्म और जाति से है।
सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
यूपीः 17 अतिपिछड़ी जातियां होगी एससी वर्ग में शामिल

यूपीः 17 अतिपिछड़ी जातियां होगी एससी वर्ग में शामिल

उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव को आज फिर पारित किया। इसे जल्द ही केन्द्र के पास भेजा जाएगा। हालांकि इससे पहले भी सरकार इसी तरह का प्रस्ताव केंद्र के पास भेज चुकी थी।
भाजपा शासित राजस्‍थान में एससी-एसटी समुदाय की सबसे ज्‍यादा दुर्गति

भाजपा शासित राजस्‍थान में एससी-एसटी समुदाय की सबसे ज्‍यादा दुर्गति

देश में भाजपा शासित राजस्थान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ 2013-15 में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए जिसके बाद उत्तरप्रदेश और बिहार का नंबर आता है। सरकार की हालिया रिपोर्ट में यह तथ्‍य सामने आए हैं। केंद्र ने ऐसे मामले में खराब सजा दर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है।
आरएसएस के आर्थिक चिंतक गुरुमूर्ति बोले, 2000 के नोट भी बंद हो जाएंगे

आरएसएस के आर्थिक चिंतक गुरुमूर्ति बोले, 2000 के नोट भी बंद हो जाएंगे

राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ आरएसएस से जुड़े आर्थिक चिंतक एस गुरुमूर्ति ने कहा है कि आने वाले दिनों में 2000 के नोट भी बंद हो जाएंगे। सबसे बड़ा नोट 500 का होगा। ढाई सौ का भी नोट जारी किया जाएगा।
‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वी‌कृ‌ति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्‍थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।
सामाजिक परिवर्तन में हमारी जिम्मेदारियों के मद्देनजर राष्ट्रीय संगोष्ठी नौ दिसंब

सामाजिक परिवर्तन में हमारी जिम्मेदारियों के मद्देनजर राष्ट्रीय संगोष्ठी नौ दिसंब

नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर के गुलमोहर हॉल में सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 9 दिसंबर, गुरुवार को किया जा रहा है। विषय है- ‘सामाजिक-धार्मिक परिदृश्य - सामाजिक परिवर्तन और जिम्मेदारियां।’
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