भारत में भले ही मनरेगा के बजट में कटौती और इसे कमजोर करने की कोशिशों पर बहस छिड़ी है लेकिन वर्ल्ड बैंक ने इसे विश्व की सबसे बड़ी सार्वजनिक निर्माण योजना माना है।
संगठन में नई जान फूंकने की कोशिश में जुटी कांग्रेस ने पार्टी कार्यकर्ताओं से चंदे के नए नियम तय किए हैं। पार्टी को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरेक कार्यकर्ता से सालाना 250 रुपये का चंदा मांगा जाएगा।
केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के कुछ आंकड़े जारी किए हैं। हालांकि, जाति से जुड़े आंकड़ों का अभी भी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ग्रामीण भारत से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इनमें से कुछ आंकड़े काफी विवादस्पद नजर आते हैं। नतीजों को सार्वजनिक करने में देरी और आपत्तियों की सुनवाई को लेकर यह जनगणना पहले ही सवालों से घिरी है। जानिए देश के 640 जिलों में हुई सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना ग्रामीण भारत की कैसी तस्वीर पेश करती है-
वामपंथी विचारधारा के जाने-माने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल बिदवई का एम्सटर्डम में निधन हो गया है। एक रेस्तरां में मांस का एक टुकड़ा उनके गले में फंस गया और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
विधानसभा चुनाव से पहले ही बिहार भाजपा में असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के नाम एक पत्र जारी कर सफाई मांगी गई है। इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी गई है। लेकिन पत्र पर किसी कार्यकर्ता के हस्ताक्षर नहीं है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा के सभी बड़े नेताओं को पत्र भेजा गया है।
मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पार्टी विराेधी गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय जनता दल ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। पार्टी से निकाले जाने को लेकर पप्पू यादव ने आउटलुक से कहा कि वह इस फैसले से निराश नहीं हैं और सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने दम पर लड़ते रहेंगे।
देश भर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर ग्रीनपीस इंडिया पर हो रहे सरकारी दमन की निंदा की। सरकार के दमन की कार्रवाई के खिलाफ 180 संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में सामाजिक न्याय और गरीब-मजलूमों के अधिकार के लिये आंदोलन का इतिहास रखने वाले संगठनों पर हो रही दमन की कार्रवाई को शर्मनाक और निराशाजनक कहा है।