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वाशिंगटन में ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित

वाशिंगटन में ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित

एक तरफ दुनिया भर के देशों में अमेरिकी एजेंसियां और कंपनियां ड्रोन के जरिए सर्विलांस को बढ़ावा दे रही हैं। वहीं अमेरिका ने राजधानी वाशिंगटन के व्हाइट हाउस, कैपिटल हिल एवं पेंटागन जैसी कुछ सरकारी इमारतों को ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसका उल्लंघन करने वाले को भारी जुर्माना और आपराधिक दंड सहना पड़ सकता है। अमेरिका को देखकर दुनिया के बाकी देशों में भी ड्रोन पर प्रतिबंध का सिलसिला जोर पकड़ सकता है।
राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने किया निष्कासित

राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने किया निष्कासित

मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पार्टी विराेधी गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय जनता दल ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। पार्टी से निकाले जाने को लेकर पप्पू यादव ने आउटलुक से कहा कि वह इस फैसले से निराश नहीं हैं और सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने दम पर लड़ते रहेंगे।
नेपाल भूकंप में अब तक 41 भारतीयों की मौत

नेपाल भूकंप में अब तक 41 भारतीयों की मौत

नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए 57 विदेशियों में से 41 लोग भारतीय हैं। इमारतों को जमींदोज और बिजली के खंभों व पेड़ों को जड़ों से उखाड़ फेंकने वाला यह भीषण भूकंप अपने पीछे तबाही और दर्द का एक भयावाह मंजर छोड़ गया है। नेपाल पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार, भूकंप में मरने वाले भारतीयों की संख्या 41 हो चुकी है।
चिकित्सा के क्षेत्र में खामियां

चिकित्सा के क्षेत्र में खामियां

एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका जैसे विकसित देश में हर साल 10 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत चिकित्सा त्रुटि के कारण हो रही है। स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता का ध्यान रखकर, बेहतर सेवा प्रदान किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ग्रीनपीस के समर्थन में एकजुट हुए सामाजिक कार्यकर्ता

ग्रीनपीस के समर्थन में एकजुट हुए सामाजिक कार्यकर्ता

देश भर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर ग्रीनपीस इंडिया पर हो रहे सरकारी दमन की निंदा की। सरकार के दमन की कार्रवाई के खिलाफ 180 संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में सामाजिक न्याय और गरीब-मजलूमों के अधिकार के लिये आंदोलन का इतिहास रखने वाले संगठनों पर हो रही दमन की कार्रवाई को शर्मनाक और निराशाजनक कहा है।
भूमि अधिग्रहण अध्‍यादेश की 7 बड़ी खामियां

भूमि अधिग्रहण अध्‍यादेश की 7 बड़ी खामियां

बेशक विकास के लिए भूमि जरूरी है। देश को ज्‍यादा से ज्‍यादा उद्योगों, सड़कों, बिजली, रेल, अस्‍पतालों, स्‍कूलों और मकानों की जरूरत है। लिहाजा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होनी चाहिए। जिनसे जमीन ली जाए उन्‍हें उचित मुआवजा और विकास में हिस्‍सेदारी मिलनी ही चाहिए। लेकिन क्‍या मोदी सरकार की ओर से लाया जा रहा भूमि अधिग्रहण विधेयक, 2015 इस मामले में खरा उतरता है? वास्‍तव में नहीं।
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