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Search Result : "सामाजिक न्याय"

गोरक्षा को संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप: आरएसएस

गोरक्षा को संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप: आरएसएस

आरएसएस के एक बड़े नेता ने गोरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा गया कि गोरक्षा को लेकर राजनीति करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप है।
तीन तलाक पर खुर्शीद ने रखा पक्ष, कोर्ट से कानून नहीं बनाने का आग्रह

तीन तलाक पर खुर्शीद ने रखा पक्ष, कोर्ट से कानून नहीं बनाने का आग्रह

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद आज तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रख रहे हैं। खुर्शीद निजी हैसियत में इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे हैं।
देश में पत्रकारिता से सामाजिक जागरुकता आई : प्रणब मुखर्जी

देश में पत्रकारिता से सामाजिक जागरुकता आई : प्रणब मुखर्जी

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पत्रकारिता का देश के सामाजिक सुधार के साथ लोगों में जागरुकता लाने में अहम योगदान है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि देश की आजादी से लेकर वर्तमान में पत्रकारिता ने कई आयामों की स्‍थापना की है।
किसी लिंग नहीं, बल्कि मानसिकता के खिलाफ जंग है नारीवाद: शाजिया इल्मी

किसी लिंग नहीं, बल्कि मानसिकता के खिलाफ जंग है नारीवाद: शाजिया इल्मी

राजनीतिक कार्यकर्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि पितृसत्तात्मकता एक मानसिकता है और नारीवाद इसी मानसिकता के खिलाफ लड़ाई है और यह किसी विशेष लिंग तक सीमित नहीं है। शाजिया ने बी बोल्ड फाॅर ए चेंज शीर्षक पर पैनल की चर्चा में यह बात कही। यह विषय इस साल के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का भी थीम है।
सजा से नेताओं को सबक

सजा से नेताओं को सबक

लालू प्रसाद यादव, सुखराम और अब शशिकला, उनकी संरक्षक तमिलनाडु की पूर्व मुख्‍यमंत्री स्‍वर्गीय जयललिता एवं उनके करीबियों को सर्वोच्‍च अदालत से सजा, जेल, जुर्माना भारतीय न्‍याय व्‍यवस्‍था की साख बढाने वाला है।
सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वी‌कृ‌ति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्‍थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।
सामाजिक परिवर्तन में हमारी जिम्मेदारियों के मद्देनजर राष्ट्रीय संगोष्ठी नौ दिसंब

सामाजिक परिवर्तन में हमारी जिम्मेदारियों के मद्देनजर राष्ट्रीय संगोष्ठी नौ दिसंब

नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर के गुलमोहर हॉल में सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 9 दिसंबर, गुरुवार को किया जा रहा है। विषय है- ‘सामाजिक-धार्मिक परिदृश्य - सामाजिक परिवर्तन और जिम्मेदारियां।’
32 साल बाद भी न्याय के बजाय बस श्रद्धांजलि सभा

32 साल बाद भी न्याय के बजाय बस श्रद्धांजलि सभा

आज यानी 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की 31वीं बरसी पर भोपाल में कई श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन होगा। सन 1984 में 2 और 3 तारीख की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस लीक होने से 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे।
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