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Search Result : "सामाजिक न्याय"

चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

न्यायाधीशों के प्रति संपूर्ण समाज में सर्वाधिक सम्मान होता है। निचली अदालतों के फैसलों को चुनौती दी जाती है और अंतिम सीढ़ी यानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकारा जाता है। कभी कभार बेहद मजबूरी होने पर राष्‍ट्रपति के दरवाजे खटखटाए जाते हैं। अदालतों को न्याय का मंदिर ही माना जाता है।
चर्चाः अवैध धार्मिक स्‍थलों पर हथौड़ा | आलोक मेहता

चर्चाः अवैध धार्मिक स्‍थलों पर हथौड़ा | आलोक मेहता

अदालतें सचमुच इन दिनों कमाल कर रही हैं। सत्तारूढ़ या प्रतिपक्ष के नेताओं को भले ही अदालती न्याय से कष्ट हो रहा है, लेकिन जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। अब हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई के बाद सख्त आदेश दिया है कि उ.प्र. में सड़कों के किनारे, चौराहे अथवा हाईवे या गलियों में बने अवैध धार्मिक स्‍थलों को तोड़ दिया जाए।
कैसे मिले जल्दी न्याय, हाईकोर्टों में 458 न्यायाधीशों की कमी

कैसे मिले जल्दी न्याय, हाईकोर्टों में 458 न्यायाधीशों की कमी

कानून मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में 458 न्यायाधीशों की कमी है। ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब न्यायपालिका और सरकार के बीच हाईकोर्टों में न्यायाधीशों की भावी नियुक्ति को दिशा देने वाले एक दस्तावेज के विभिन्न उपबंधों को लेकर मतभेद हैं।
`इज्जत से जीना चाहती हैं बार गर्ल्स'

`इज्जत से जीना चाहती हैं बार गर्ल्स'

एक बार मैं देर रात लोकल ट्रेन से घर लौट रही थी। उस कंपार्टमेंट में कुछ और औरतें भी थीं जो ड्रेस में थीं। मुझे लगा वे किसी जेवर की दुकान में काम करने वाली लड़कियां होंगी। पर, इतनी देर तक जेवर की दुकानें खुली नहीं रहती हैं।
हर्षमंदर की नजर में मोदी के राज में काम कम, बखान ज्यादा हुआ

हर्षमंदर की नजर में मोदी के राज में काम कम, बखान ज्यादा हुआ

सामाजिक कार्यकर्ता हर्षमंदर की नजर में पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल के शासन में देश में काम कम और उसका बखान ज्‍यादा हुआ है। आईएएस अधिकारी रहे हर्षमंदर ने कहा कि आज के भारत में दो साल पहले के मुकाबले विषमताएं ज्‍यादा बढ़ी हैं। आर्थिक और सामाजिक अलगाव का यहां अब बोलबाला है।
निर्भया फंड जुबानी जमाखर्च जैसा, राष्ट्रीय मुआवजा नीति बनाएं: कोर्ट

निर्भया फंड जुबानी जमाखर्च जैसा, राष्ट्रीय मुआवजा नीति बनाएं: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह बलात्कार पीड़ितों को पर्याप्त राहत मुहैया कराने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाए। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि निर्भया कोष जैसा एक अलग कोष बनाना पर्याप्त नहीं है और यह जुबानी जमाखर्च जैसा है।
बांग्लादेश में हिंदू शिक्षक को मिला न्याय

बांग्लादेश में हिंदू शिक्षक को मिला न्याय

बांग्लादेश के अधिकारियों ने एक हाई स्कूल के हिंदू प्रधानाचार्य को आज उनके पद पर बहाल कर दिया। अधिकारियों ने माना उनकी बर्खास्तगी अवैध थी। बर्खास्त शिक्षक से उठक-बैठक करा कर उसका अपमान करने वाले सांसद के खिलाफ पूरे देश में हजारों शिक्षकों ने रैलियां निकालीं।
आरएसएस की आपत्ति पर भाजपा ने बदला सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप

आरएसएस की आपत्ति पर भाजपा ने बदला सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप

सिंहस्थ कुंभ मे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में बुधवार को आयोजित सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप पुरानी घोषणा के मुकाबले बदला नजर आया। आयोजन में दलित समुदाय के संतों के साथ अन्य हिन्दू पंथों और संप्रदायों के धर्मगुरू भी शामिल हुए।
चर्चाः पत्थर का सिंहासन, न्याय के आंसू | आलोक मेहता

चर्चाः पत्थर का सिंहासन, न्याय के आंसू | आलोक मेहता

देश-दुनिया को न्याय दिलाने वाले भारतीय न्यायाधीशों की कोई यूनियन नहीं होती। वे नारे नहीं लगा सकते। विरोध में प्रदर्शन नहीं कर सकते। स्वयं बनाई आचार संहिता के तहत अधिकांश न्यायाधीश भव्य पार्टियों से भी बचते रहते हैं। निजी समारोह में भी कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करते। विधि संस्‍थानों अथवा प्रतिष्ठित संस्‍थानों को छोड़कर सभाओं को संबोधित करने नहीं जाते। केवल सत्य निष्‍ठा और निष्पक्ष न्याय उनका मूल मंत्र और लक्ष्य होता है। कानूनी ग्रंथों के अलावा अदालत में प्रस्तुत प्रकरणों की मोटी फाइलें दिन-रात पढ़ते और फैसले लिखते हैं।
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